'डंकी रूट' से यूएसए भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई, ईडी ने अटैच की करोड़ों की संपत्ति
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जालंधर जोनल ऑफिस ने अपराध की कमाई से हासिल लगभग 5.41 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियां अटैच की हैं;
जालंधर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जालंधर जोनल ऑफिस ने अपराध की कमाई से हासिल लगभग 5.41 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियां अटैच की हैं।
ईडी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, शुभम शर्मा, जगजीत सिंह और सुरमुख सिंह द्वारा अपराध की कमाई से हासिल की गई या उसके बराबर लगभग 5.41 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया गया है।
ये एजेंट ‘डंकी’ रूट के जरिए लोगों को अवैध रूप से यूएसए भेजने की गतिविधियों में शामिल थे। अटैच की गई संपत्तियों में इन एजेंटों और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर कृषि भूमि, आवासीय परिसर, व्यावसायिक परिसर और बैंक खाते शामिल हैं।
ईडी ने पंजाब पुलिस और हरियाणा पुलिस द्वारा बीएनएस, 2023 (पहले आईपीसी, 1860) और इमिग्रेशन एक्ट, 1983 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। यह मामला फरवरी 2025 में यूएसए सरकार द्वारा 330 भारतीय नागरिकों को सैन्य कार्गो विमानों से भारत डिपोर्ट किए जाने से संबंधित है, क्योंकि वे अवैध रूप से यूएसए में दाखिल हुए थे।
ईडी की जांच में पता चला कि ये ‘एजेंट’ और उनके साथी भोले-भाले लोगों को यूएसए में कानूनी रूप से भेजने का झांसा देकर ठगते थे और इसके लिए मोटी रकम वसूलते थे। हालांकि, बाद में वे लोगों को विभिन्न दक्षिण अमेरिकी देशों के खतरनाक रास्तों से भेजते थे और उन्हें यूएसए-मेक्सिको सीमा के जरिए अवैध रूप से यूएसए में घुसने के लिए मजबूर किया जाता था।
ईडी ने बताया कि इस दौरान पूरे रास्ते लोगों को प्रताड़ित किया जाता था और उनसे और पैसे वसूले जाते थे। इतना ही नहीं, उनसे अवैध काम भी करवाए जाते थे। इन ‘एजेंटों’ और उनके साथियों ने झूठे बहाने बनाकर विभिन्न लोगों को ठगकर और उनसे बड़ी रकम लेकर अपराध की कमाई की।
इस मामले में 9 और 11 जुलाई को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत 19 स्थानों पर तलाशी ली गई थी, जिसमें फर्जी इमिग्रेशन स्टैंप, फर्जी वीजा स्टैंप, रिकॉर्ड और डिजिटल डिवाइस सहित आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री मिली और बरामद की गई। इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।