पंजाब सरकार के नशा मुक्ति के लिए किये जा रहे प्रयास गंभीर नहीं: अरोड़ा

आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमन अरोड़ा ने आज आरोप लगाया कि पंजाब सरकार के नशा मुक्ति और पुनर्वास के लिए किये जा रहे प्रयास गंभीर नहीं हैं। ;

Update: 2018-04-29 16:31 GMT

चंडीगढ़।  आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमन अरोड़ा ने आज आरोप लगाया कि पंजाब सरकार के नशा मुक्ति और पुनर्वास के लिए किये जा रहे प्रयास गंभीर नहीं हैं। 

उन्होंने यहां जारी बयान में 2014 में पंजाब राज्य नशा मुक्ति और पुनर्वास बोर्ड का गठन किया गया था, परंतु अब तक बोर्ड की सिर्फ 4 बैठकें ही की गई हैं।  अरोड़ा ने यह भी आरोप लगाया कि इस उद्देश्य के लिए बजट आबंटन भी कम होकर वर्ष 2017-18 के लिए सिर्फ छह कराेड़ रह गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 -2014 से 2017 -2018 तक जहां बजट में 326.11 करोड़ का बजट आबंटन किया गया लेकिन उसमें से केवल 161.17 करोड़ इस मकसद के लिए खर्च किये गए जो कि बजट आबंटन का सिर्फ 49 प्रतिशत बनता है। 

आप नेता ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के दिये आंकड़े बताते हैं कि बोर्ड का गठन होने के बाद सरकारी ओपीडी में आने वालों की संख्या भले गिर रही हो ,पर निजी नशा मुक्ति केंद्रों में संख्या बढ़ रही है, यानी सरकारी ओपीडी में जहां आंकड़े 289366 से गिरकर 2017 में 108767 हो गये वहीं निजी केंद्रों में आंकड़े 32258 से बढ़कर 426619 तक पहुंच गये। 

 अरोड़ा ने मांग की कि पंजाब सरकार इस अति संवेदनशील मसले हेतु संजीदगी के साथ उचित कदम उठाते हुए जहां इस बोर्ड की प्रति तिमाही बैठक सुनिश्चित करे वहीं फंड की कमी को बाधा न बनने दे जिससे नशा पीड़ित नौजवानों को निजी नशा मुक्ति और पुनर्वास केन्द्रों में जाने की बजाय सरकारी केंद्रों में इलाज मुहैया करवाया जा सके। 

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