बिहार टॉपर घोटाले में बच्चा राय की संपत्तियां कुर्क

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने वर्ष 2016 के बिहार टॉपर घोटाले से जुड़े मामले में विष्णु राय कॉलेज के पूर्व प्रधानचार्य बच्चा राय की 4.53 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क की हैं।;

Update: 2018-03-31 17:18 GMT

नई दिल्ली।  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने वर्ष 2016 के बिहार टॉपर घोटाले से जुड़े मामले में विष्णु राय कॉलेज के पूर्व प्रधानचार्य बच्चा राय की 4.53 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क की हैं। वित्तीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, ईडी ने धनशोधन अधिनियम की धाराओं के तहत बच्चा राय, उनकी पत्नी संगीता व बेटी शालिनी की 4.53 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां जब्त की हैं।

यह पहला मौका है, जब ईडी ने बिहार टॉपर घोटाला मामले में संपत्तियां कुर्क की हैं।  एजेंसी ने बिहार के लालगंज, महुआ, भगवानपुर व हाजीपुर में 1.99 करोड़ रुपये के 16 प्लॉट, बैंक ऑफ इंडिया के तीन खालों में 13.46 लाख रुपये, कैनरा बैंक के एक खाते में 20.80 लाख रुपये व बच्चा राय के पंजाब नेशनल बैंक खाते से 19.66 लाख रुपये जब्त किए हैं।

एजेंसी ने बच्चा राय की पत्नी संगीता राय के नाम से लालगंज, महुआ, भगवानपुर व हाजीपुर में 13 प्लॉट जब्त किए हैं, जिनका मूल्य 1.05 करोड़ रुपये है। 

इनके अलावा ईडी ने हाजीपुर में 18 लाख रुपये मूल्य की एक दो मंजिला इमारत, पटना में 20 लाख रुपये मूल्य का एक फ्लैट व बैंक ऑफ इंडिया, कैनरा बैंक व पंजाब नेशनल बैंक के खाते से क्रमश: 14.61 लाख रुपये, 1.30 लाख रुपये, व 1.33 लाख रुपये जब्त किए हैं।

एजेंसी ने कहा कि कालेधन को सफेद करने का अपराध परिवार के सदस्यों द्वारा चलाए जा रहे एक ट्रस्ट के जरिए किया गया।इसमें कहा गया, इसमें से ज्यादातर संपत्तियां उनके द्वारा नकदी देकर खरीदी गई और इसके लिए बैंक से कोई निकासी नहीं की गई।

जांच एजेंसी के अनुसार, बच्चा राय व उनकी पत्नी ने अपने कालेधन को सफेद करने के लिए आयकर रिटर्न में भी गड़बड़ी की। ईडी ने बिहार पुलिस द्वारा दाखिल किए गए एक आरोपपत्र के आधार पर एक मामला दर्ज किया है।

बिहार पुलिस ने अपने आरोप पत्र में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) के पूर्व चेयरमैन लालकेश्वर सिंह व अन्य पर परिणामों में गड़बड़ी करने व विष्णु राय कॉलेज के छात्रों के परिणाम का प्रबंधन करने के आरोप हैं।राज्य सरकार ने बीते साल मई में मामले के सामने आने के बाद जांच के एसआईटी गठन का आदेश दिया था।

Tags:    

Similar News