प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना महिला सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल : महापौर
ग्राम स्वराज अभियान 2018 के तीसरे चरण में आज प्रधानमंत्री उज्ज्वला दिवस के तहत आज स्थानीय अग्रसेन समाज भवन में जिला स्तर पर एल.पी.जी. महिला पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें 200 से अधिक महिलाएं जुटीं;
धमतरी। ग्राम स्वराज अभियान 2018 के तीसरे चरण में आज प्रधानमंत्री उज्ज्वला दिवस के तहत आज स्थानीय अग्रसेन समाज भवन में जिला स्तर पर एल.पी.जी. महिला पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें 200 से अधिक महिलाएं जुटीं।
इस दौरान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 20 हितग्राहियों को रसोई गैस सेट वितरित किए गए, साथ ही योजना के तहत लाभान्वित हितग्राहियों ने अपना अनुभव साझा किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर महापौर श्रीमती अर्चना चौबे सहित शहर के वरिष्ठ नागरिक व जनप्रतिनिधिपगण मौजूद थे। महापौर श्रीमती चौबे ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं को रसोई कक्ष में सम्मान व स्वाभिमान प्रदान करने उज्ज्वला योजना की शुरूआत मई 2016 में की थी, जिसके तहत अब तक जिले के 65 हजार से भी अधिक परिवारों को एल.पी.जी गैस वितरित की गई।
इस योजना से न सिर्फ महिलाओं को सम्मान मिला बल्कि उन्हें जीने की नई दिशा भी मिली। महापौर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक जीवंत मिसाल है, जिससे निश्चित तौर पर महिलाएं पारम्परिक धुआंयुक्त चूल्हे से उबरकर स्वच्छ माहौल में भोजन तैयार करने में सक्षम होंगी। इस अवसर पर अन्य मंचस्थ अतिथि रामू रोहरा, श्रीमती हेमलता शर्मा, श्रीमती सुनीता पंजवानी, डॉ. वर्षा जैन, श्रीमती अनिता मित्तल और मोहन अग्रवाल ने योजना के संबंध में सार-संक्षेप में उद्बोधन दिया और इसका लाभ लेने की अपील की। इसके पहले, योजना के तहत हितग्राही महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए। हितग्राही श्रीमती कुन्ती लहरे ने कहा कि साल भर पहले तक उनकी रसोई में मिट्टी से निर्मित चूल्हे से खाना पकता था।
लकड़ी से उठने वाले धुएं से न सिर्फ आंखें लाल होती थीं, बल्कि दम भी घुटता था। उन्होंने बताया कि अब सिर्फ नॉब घुमाकर गैस जलाना पड़ता है, वह भी पहले से आधे समय में भोजन तैयार हो जाता है। स्थानीय मकेश्वर वार्ड की श्रीमती शकुंतला बाई यादव ने अपनी आपबीती को साझा करते हुए कहा कि खाना तैयार करते वक्त रसोई धुएं से भर जाती थी, जिससे चिड़चिड़ाहट होती थी, जिसके चलते घर के सदस्यों से अक्सर विवाद हो जाता था। अब खाना पकाते वक्त न तो आंखों में आंसू आते हैं न ही चूल्हे में बार-बार लकड़ी भिड़ाकर फूंकना पड़ता है। इसी प्रकार इसी वार्ड की श्रीमती गीताबाई यादव पेशे से घरेलू कामगार है, ने साल भर पहले की स्थिति के बारे में बताया कि किन परिस्थितियों में रसोई कक्ष में रोजाना मुसीबतों से दो-चार होना पड़ता था।
अब रसोई का काम वह बातों-बातों में ही निबटा लेती हैं। बचे हुए समय में घर-परिवार के सदस्यों के साथ वह खुशी-खुशी व्यतीत करती हैं। इसी तरह श्रीमती सुखन्तीन बाई, कुन्ती सिन्हा, लीलाबाई साहू ने भी रसोई गैस के मिलने से जीवन शैली में आए परिवर्तन का अनुभव साझा किया। उल्लेखनीय है कि ग्राम स्वराज अभियान के तहत खाद्य विभाग द्वारा धमतरी शहर के अलावा जिले में कुल 11 शिविरों का आयोजन किया गया जहां पर कुल 410 नए हितग्राहियों को एल.पी.जी गैस कनेक्शन वितरित किए गए।