फिलीपींस में चावल अनुसंधान केंद्र का प्रधानमंत्री मोदी ने किया दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) का दौरा किया। यह एक प्रमुख अनुसंधान संगठन है;
मनीला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) का दौरा किया। यह एक प्रमुख अनुसंधान संगठन है, जो फिलीपींस के लॉस बानॉस में चावल विज्ञान के जरिए गरीबी व भूखमरी को कम करने के प्रति समर्पित है। यह संस्थान चावल किसानों व उपभोक्ताओं व भविष्य की पीढ़ियों के लिए चावल उगाने के वातावरण के संरक्षण व कल्याण व स्वास्थ्य में सुधार के लिए काम करता है।
मोदी ने ट्वीट किया, "मेरी अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) की यात्रा एक बेहतरीन अनुभव रही।"
Saw a detailed exhibition on rice varieties and the impressive work done by IRRI with women farming cooperatives. pic.twitter.com/zoqW86brF2
उन्होंने कहा, "चावल की खेती में सुधार के जरिए आईआरआरआई ने गरीबी व भूखभरी के उन्मूलन की दिशा में असाधारण कार्य किया है। इनके कार्य ने कई किसानों व उपभोक्ताओं को, खास तौर से एशिया व अफ्रीका में फायदा पहुंचाया है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने आईआरआरआई में काम कर रहे भारतीय वैज्ञानिकों, छात्रों व शोककर्ताओं से बातचीत की। उन्होंने कहा, "भारत का आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) व आईआरआरआई एक-दूसरे के साथ चार दशकों से सहयोग कर रहे हैं।"
Interacted with Indian scientists, students, researchers working at IRRI. India’s ICAR and IRRI have been cooperating for four decades. India is also involved in helping IRRI in strategic planning, helping decide key goals and working to overcome hunger as well as poverty. pic.twitter.com/7aHzo3VvjX
उन्होंने कहा, "भारत भी आईआरआरआई की रणनीतिक योजना, मुख्य लक्ष्य के निर्धारण में सहायता व भूखमरी व गरीबी से निपटने के लिए कार्य व सहायता में शामिल है।"
मोदी ने एक फोटो प्रदर्शनी की समीक्षा की, जिसमें बाढ़ सहने योग्य, व सूखा सहने योग्य व खारापन सहने योग्य चावल की किस्मों व महिला कृषि सहकारी समितियों के साथ आईआरआरआई के कार्यो का प्रदर्शन किया गया।
PM @narendramodi visits the International Rice Research Institute (IRRI), which is working towards developing better quality of rice seed and addressing food scarcity issues. A large number of Indian scientists are working in IRRI and contributing to R&D in these areas. pic.twitter.com/pg3IpVqAkT
उन्होंने पानी में डूबे हुए चावल की एक किस्म के लिए प्रतीक के तौर पर जमीन में बुवाई की। उन्होंने नरेंद्र मोदी रिसाइलेंट राइस फील्ड लैबोरेटरी की एक उद्घाटन पट्टिका का अनावरण किया। आईआरआरआई वाराणसी में दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करेगा, जो फिलीपींस में इसके मुख्यालय के बाहर अपनी तरह का पहला केंद्र होगा।
A contribution from India to IRRI…presented two Indian rice seed varieties to the IRRI gene bank. pic.twitter.com/AtxKmyu5jS