कुन्दरूझांझ के जर्जर भवन में लग रही प्राथमिक पाठशाला

ब्लाक डभरा क्षेत्र के ग्राम पंचायत मिरौनी के आश्रित ग्राम कुन्दरूझांझ में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है;

Update: 2017-11-17 13:08 GMT

डभरा। ब्लाक डभरा क्षेत्र के ग्राम पंचायत मिरौनी के आश्रित ग्राम कुन्दरूझांझ में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। आजादी के 70 साल बाद भी गांवो का विकास नहीं हुआ है,ग्राम कुन्दरूझांझ में पहुंच मार्ग सड़क कच्ची है। पहुंच मार्ग में पुल पुलिया का अभाव है। वही शा.प्राथमिक शाला भवन जर्जर हो चुका है।

विद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए शौचालय एवं पेयजल की सुविधा तक नहीं है। ब्लाक से 20 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम कुन्दरूझांझ है,जिसकी 7 सौ की आबादी वाला गांव आज भी विकास की राह से दूर बना हुआ है।  

गांव में शा.प्राथमिक विद्यालय सन् 1973 से संचालित है। इस विद्यालय में कुल 20 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हंै, जिसमें बालिका 8 एवं बालक 12 अध्ययनरत हंै। विद्यालय में दो शिक्षिका पदस्थ है। एक प्रभारी प्रधान पाठक के पद है,तो दूसरा शिक्षिका है 20 बच्चों के पीछे दो शिक्षक पदस्थ है। वहीं विद्यालय भवन के छत जर्जर हो चुके हैं। नीचे फर्श भी उखड़ गया है,एक ही कमरे और छोटा सा बरामदा है, आज तक इस विद्यालय को 44 सालों के बाद भी सुविधा युक्त भवन नहीं मिला है।

जबकि विद्यालय में शौचालय तक नहीं है,पूर्व में निर्मित शौचालय जर्जर टूट फूट चुका है। विद्यालय परिसर में लगे हेड़पंप तीन माह से खराब पड़ा हुआ है,पानी के लिए बच्चे दूर तक जाते है, एक ओर सरकार गांव-गांव में शौचालय निर्माण करा रही है। परन्तु इस विद्यालय में शौचालय तक नहीं है। बच्चे खुले में शौच करने विवश है। विद्यालय में मध्यान्ह भोजन लकड़ी से पकाया जा रहा है, इस संबंध में ग्राम पंाचयत मिरौनी के सचिव सतीश सिदार ने कहा कि विद्यालय भवन एवं गांव की मूलभूत सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायत से प्रस्ताव पारित कर जनपद पंचायत भेज दिया गया है।

इतना ही नहीं ग्राम कुन्दरूझांझ में पहुंचने के लिए कच्ची सड़क है जो खेत के मेढ़ को चौड़ाकर बनाया गया जहां बारिश में पैदल चलना भी मुश्किल होता है,गांव से बारिश के दिनों में स्कूली बच्चों के पढ़ने बाहर जाने में दिक्कते होती है। वहीं किसी कि अचानक तबीयत खराब होने से बारिश के दिनों में संजीवनी एक्सप्रेस भी नही पहुंच पाती है। ग्राम के उरांव मोहल्ले में पेयजल की समस्याएं गंभीर है। 

जनप्रतिनिधियों का भी नहीं गया ध्यान 

इस बारे में ग्राम कुन्दरूझांझ के ग्रामीण डमरूधर पटेल व राजू पटेल ने बताया कि गांवो में कोई विकास नहीं हुआ है। गांव की गलियों बारिश में कीचड़ से भर जाता है,उरांव मोहल्ला में पेयजल की समस्या व सी.सी.रोड गांव में पहुंचने के लिए पक्की सड़क तक नहीं है। विद्यालय की भवन जर्जर हो चुका है,समस्याओं के बारे में क्षेत्रीय विधायक व प्रशासन को अवगत करा चुके हैं,समस्या जस के तस है। 

इंजी. से कराया जाएगा परीक्षण:सीईओ

इस संबंध में सीईओ डभरा नितेश कुमार उपाध्याय ने कहा कि शा.प्रा.शाला कुन्दरूझांझ के विद्यालय भवन के बारे में उपअभियंता से जांच कराई जाएगी और जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अगर भवन की आवश्यकता हुआ तो तत्काल ग्राम पंचायत से प्रस्ताव मंगाकर उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया जाएगा। वहीं इस संबंध में विकास शिक्षा अधिकारी डभरा ताराचन्द भोई ने कहा कि शा.प्रा.शाला भवन जर्जर होगा तो ग्राम पंचायत से प्रस्ताव मंगवाकर जिला पंचायत को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

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