प्रद्युम्न हत्याकांड : पिंटो परिवार की अग्रिम जमानत रद्द करने की याचिका खारिज
सर्वोच्च न्यायालय ने प्रद्युम्न हत्याकांड मामले में रेयान इंटरनेशनल स्कूल के पिंटो परिवार की अग्रिम जमानत याचिका रद्द करने के लिए दायर याचिका सोमवार को खारिज कर दी;
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने प्रद्युम्न हत्याकांड मामले में रेयान इंटरनेशनल स्कूल के पिंटो परिवार की अग्रिम जमानत याचिका रद्द करने के लिए दायर याचिका सोमवार को खारिज कर दी। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पिंटो परिवार को अग्रिम जमानत दी थी।
न्यायमूर्ति आर.के.अग्रवाल और न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की पीठ ने मृतक छात्र प्रद्युम्न ठाकुर के पिता बरुण ठाकुर की याचिका खारिज कर दी।
सात वर्षीय प्रद्युम्न की आठ सितंबर को गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी।
न्यायमूर्ति अग्रवाल ने आदेश में कहा, "याचिका खारिज की जाती है।"
रेयान स्कूल के संस्थापक और चेयरमैन अगस्टाइन फ्रांसिस पिंटो उनकी पत्नी व प्रबंध निदेश ग्रेस पिंटो और उसके बेटे व सीईओ रेयान पिंटो को 21 नवंबर को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत दे दी थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, "केंद्रीय जांच ब्यूरो अभी भी मामले की जांच कर रही है और अपराध में अभी भी पिंटो परिवार की संलिप्तता को लेकर निष्कर्ष आना बाकी है।"
न्यायालय ने कहा, "आज की तारीख में, सीबीआई को इस मामले में निजी प्रतिवादी(पिंटो परिवार) की भूमिका को लेकर जांच करना और विश्लेषण करना बाकी है। अपराध में उनकी मिलीभगत को लेकर कोई सबूत नहीं है और कथित रूप से अपराध में संलिप्तता को लेकर कुछ भी सबूत नहीं है। जब तक उनके विरोध कोई ठोस सबूत नहीं मिल जाता, अपराध में उनकी संलिप्तता साबित नहीं हो सकती।"
न्यायालय ने कहा, "हमें इसलिए अगस्टाइन फ्रांसिस पिंटो उनकी पत्नी व प्रबंध निदेश ग्रेस पिंटो और उसके बेटे व सीईओ रेयान पिंटो को 21 नवंबर को उच्च न्यायालय की ओर से दिए गए अग्रिम जमानत पर हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं मिला।"
उच्च न्यायालय ने पिंटो परिवार को अग्रिम जमानत दे दी थी और इस मामले की जांच में सहयोग करने को कहा था।
अदालत ने पिंटो परिवार पर बिना अनुमति देश छोड़कर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
शुरुआत में हरियाणा पुलिस मामले की जांच कर रही थी और उसने प्रद्युम्न की हत्या के लिए स्कूल के बस कंडक्टर अशोक को मुख्य आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया था।
इसके बाद मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया। सीबीआई ने अपनी जांच में रेयान के ही कक्षा 11वीं के छात्र को मुख्य आरोपी बताते हुए गिरफ्तार कर लिया।