प्रधान ने साइक्लोथन में भाग लिया

ईंधन संरक्षण को सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 'साइक्लोथन' कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाई और इसमें भाग भी लिया;

Update: 2017-11-05 22:13 GMT

नई दिल्ली। ईंधन संरक्षण को सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 'साइक्लोथन' कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाई और इसमें भाग भी लिया। इस कार्यक्रम में करीब 5,000 लोगों ने हिस्सा लिया।

पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए) ने राजधानी के पहले सक्षम पेडल दिल्ली साइक्लोथन का आयोजन किया, जिसमें राष्ट्रीय साइकलिंग चैंपियनशिप्स को विशेष रूप से शामिल किया गया।

प्रधान ने यहां जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में उद्धाटन समारोह में कहा, "संरक्षण एक सामूहिक जिम्मेदारी है और यह केवल तभी संभव होगा, जब उद्योग, नागरिक, संगठन, तेल कंपनियां और सरकार एक साथ पेट्रोलियम संरक्षण की जिम्मेदारी लेंगे।"

प्रधान ने आगे कहा कि साइकिल चलाने के लाभ केवल पर्यावरण या ईंधन संरक्षण तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इससे स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचता है।

कार्यक्रम को चार हिस्सों में बांटा गया था -एलीट साइकलिंग (50 किमी/30 किमी), अमेच्योर राइड (30 किमी), ओपन राइड (10 किमी) और ग्रीन राइड (पांच किमी)। प्रतिभागी ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से विभिन्न श्रेणियों के लिए नामांकन दाखिल कर सकते थे।

कार्यक्रम में सक्षम पेडल दिल्ली के ब्रांड एंबेसडर फरहान अख्तर भी शामिल हुए। एलीट पुरुषों की श्रेणी के विजेता सतबीर सिंह रहे, जबकि टी. मनोरमा देवी ने एलीट महिला चैम्पियनशिप को अपने नाम किया। इस कार्यक्रम में आठ लाख रुपये की इनामी राशि थी।

पीसीआरए के कार्यकारी निदेशक आलोक त्रिपाठी ने इसके पहले आयोजन की घोषणा करते हुए कहा था कि भारतीय समाज में आए बदलाव ने इस बात को अधिक आवश्यक बना दिया है कि ईंधन इस्तेमाल के बारे में मानसिकता में बदलाव लाया जाए, और साइक्लोथन ऐसे समय में हो रहा है, जब दिल्ली में वायु प्रदूषण के बुरे स्तर पर पहुंचने का मौसम चल रहा है।

उन्होंने कहा, "भारत में साइकिल चलाने को एक कलंक के रूप में देखा जाता है, क्योंकि इसे गरीब लोगों का वाहन माना जाता है।"
 

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