देश भर में एक समान जारी होगा प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के अंतर्गत देश भर में जारी किए जाने वाले पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट के एक समान प्रारूप की दिशा में कदम बढ़ाया है;

Update: 2021-06-18 06:19 GMT

नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के अंतर्गत देश भर में जारी किए जाने वाले पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट के एक समान प्रारूप की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके सामान्य प्रारूप के लिए 14 जून, 2021 को अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना का मकसद है कि देश भर में एक समान प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र प्रारूप की शुरूआत हो और इसके डाटाबेस को राष्ट्रीय रजिस्टर से जोड़ा जाए। अस्वीकृति पर्ची की भी पहली बार व्यवस्था शुरू की जा रही है।

संबंधित उत्सर्जन मानदंडों में आदेशित जांच परिणाम मूल्य अधिकतम स्वीकृति योग्य मूल्य से अधिक होने की स्थिति में वाहन मालिक को अस्वीकृति पर्ची का एक सामान्य प्रारूप दिया जाना है। इस दस्तावेज को वाहन की सर्विस कराने के लिए सर्विस सेंटर पर दिखाया जा सकता है या उपयोग किया जा सकता है, यदि किसी दूसरे सेंटर पर जांच कराने पर पीयूसीसी सेंटर का उपकरण ठीक से काम नहीं कर रहा है।

नई व्यवस्था के तहत प्रमाणपत्र में सूचना गोपनीय रहेगी। यानि वाहन मालिक का मोबाइल नंबर, नाम और पता, इंजन नंबर गोपनीय रहेंगे। चेसिस के केवल चार अंक दिखाई देंगे। वाहन मालिक का मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है, जिस पर सत्यापन और शुल्क के लिए एक एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा। यदि नियम लागू कराने वाले अधिकारी के पास यह मानने का कारण है कि कोई मोटर वाहन उत्सर्जन मानकों के प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रहा है, तो वह वाहन चालक या वाहन के प्रभारी किसी भी व्यक्ति को प्राधिकृत प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) जांच स्टेशनों में से किसी एक में जांच के लिए वाहन प्रस्तुत करने के लिए लिखित रूप में या इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से सूचित कर सकता है। यदि वाहन चालक या प्रभारी व्यक्ति अनुपालन के लिए वाहन प्रस्तुत करने में विफल रहता है या वाहन अनुपालन करने में विफल रहता है, तो वाहन का मालिक दंड के भुगतान के लिए उत्तरदायी होगा।

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