सीबीआई को 'नष्ट' करने के लिए पीएम मोदी बेनकाब  : कांग्रेस

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा को बहाल कर दिया;

Update: 2019-01-08 17:33 GMT

नई दिल्ली । सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा को बहाल कर दिया। इसके बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह प्रमुख जांच एजेंसी को 'नष्ट' करने को लेकर बेनकाब हो गए हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "मोदी ने अपनी सूची में एक और काम पहली बार करने का जोड़ लिया है। सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयोग) की विश्वसनीयता को नष्ट करने के बाद (सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश द्वारा निगरानी की जरूरत पड़ी) सीबीआई को नष्ट करने वाले पहले प्रधानमंत्री के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष बेनकाब हो गए हैं। मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिनके गैरकानूनी आदेश को सर्वोच्च न्यायालय ने दरकिनार कर दिया है।"

सरकारें आयी और सरकारें गयीं पर हमारे संविधानिक संस्थानों की स्वायत्तता हमेशा बरक़रार रही।

आज का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय मोदी सरकार के लिए सबक़ भी है और सीख भी!

मोदी जी,

आपके नापाक इरादे ध्वस्त हो जाने के बाद,अब आप देश से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे ! pic.twitter.com/m0cf0WhdcI

— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 8, 2019


 

अब साफ़ है कि भाजपा और नरेंद्र मोदी- दोनों है संविधान विरोधी।

मोदी जी ने राफेल घोटाले की संभावित से घबराकर रातों रात CBI Director अलोक वर्मा को एक षड्यंत्र के तहत पदमुक्त कर दिया था, वो सारा षड्यंत्र और मोदी सरकार के मंसूबे आज सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्त कर दिए है। pic.twitter.com/Bpn2VjMJ1U

— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 8, 2019


 

सर्वोच्च न्यायालय ने वर्मा और एनजीओ 'कॉमन कॉज' की याचिका पर यह फैसला सुनाया, जिसमें सरकार द्वारा 23-24 अक्टूबर की दरम्यानी रात को किए गए फैसले को चुनौती दी गई थी। अदालत का फैसला आने के तुरंत बाद सुरजेवाला ने यह टिप्पणी की है। 

सुरजेवाला ने मोदी को चेताया कि सरकार आती है और जाती है, लेकिन संस्थानों की शुचिता बरकरार रहती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह निर्णय देश के लोकतंत्र और संविधान की शक्ति के बारे में प्रधानमंत्री के लिए एक 'सबक' होगा। 

उन्होंेने कहा, "मोदीजी कृपया याद रखें, सरकारें आईं हैं और चली गईं हैं। हमारे संस्थानों की शुचिता बची रही है। इसे हमारे लोकतंत्र और संविधान की ताकत के बारे में आप एक सबक के रूप में लें। यह एक सबक है कि आप कितने भी निरंकुश हों, आखिर में, कानून के शिकंजे में आ ही जाएंगे।"

प्रधानमंत्री को लताड़ लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "सीबीआई प्रमुख द्वारा आपके गैरकानूनी फैसले के परिणाम तीन महीने भुगतने के बाद, क्या आप तीन महीने का खोया हुआ कार्यकाल उन्हें वापस करने का साहस दिखाएंगे? अगर आप राफेल घोटाले की जांच से नहीं डरते हैं तो.."

सुरजेवाला ने मोदी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पहले आप ने दो आरबीआई गर्वनरों सहित चार आर्थिक सलाहकारों को खो दिया। फिर न्यायाधीश (बी.एच.) लोया मामले में सर्वोच्च न्यायालय के चार न्यायाधीश सार्वजनिक रूप से सामने आ गए और फिर सीबीाई और सीवीसी की विश्वसनीयता व साख को नुकसान पहुंचाया। यह आपका 'न्यनतम शासन, अधिकतम सरकार' है। 

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अब क्या बदल गया है।

सिंघवी ने ट्वीट किया, "सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पहले, आलोक वर्मा के पास सीबीआई प्रमुख के तौर पर अधिकार नहीं थे, किसी नीति या जांच पर फैसला नहीं ले सकते थे। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद भी स्थिति जस की तस है।"

Before the Supreme Court verdict; Alok Verma didn't have powers of CBI Chief, couldn't take any decision on policy or investigation.

After Supreme Court verdict : DITTO !!!

— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) January 8, 2019


 

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