जनपद कार्यालय के मुख्य द्वार पर जनप्रतिनिधियों ने जड़ा ताला

निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से जनपद सीईओ द्वारा कथित दुर्व्यवहार को लेकर आज पामगढ़ जनपद कार्यालय के मुख्य द्वार पर जनप्रतिनिधियों ने ताला जड़ दिया;

Update: 2018-07-07 16:33 GMT

जांजगीर। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से जनपद सीईओ द्वारा कथित दुर्व्यवहार को लेकर आज पामगढ़ जनपद कार्यालय के मुख्य द्वार पर जनप्रतिनिधियों ने ताला जड़ दिया। मौके पर उपस्थित जनपद सदस्यों का आरोप है कि सीईओ द्वारा जनप्रतिनिधियों से सामजस्य बनाने के बजाय बात-बात पर दुर्व्यवहार किया जाता है आज एक बार फिर सदस्यों ने नावघाट के ठेके में किये जा रहे विलंब से नाराज होकर कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया तथा नारेबाजी करते हुये अनुविभागीय अधिकारी पामगढ़ को ज्ञापन सौंपा है। 

गौरतलब है कि जनपद सीईओ के खिलाफ ज्ञापन सौंपने पहुंचे जनप्रतिनिधियों ने बताया कि सीईओ द्वारा पंचायती राज व्यवस्था के विपरित निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सुझाव को सुनने के बजाय उनके साथ रूखा व्यवहार किया जाता रहा है। यहां तक कि सदस्यों को भी सीईओ कक्ष में प्रवेश के लिए अनुमति की आवश्यकता पड़ती है।

जनपद सदस्यों ने कि थरहीडीह के नौकाघाट रपटा का ठेका 15 जून तक हो जाना था। मगर सीईओ कार्यालय द्वारा राज्य शासन के निर्देर्शों का हवाला देकर नियमों में बदलाव किया जा रहा है। जिसके चलते शासन को नुकसान हो रहा है।

पूर्व में ठेका शर्त क्रमांक 3 के अनुसार ठेका पश्चात 50 प्रतिशत राशि जमा करने एवं 7 दिवस के भीतर शेष राशि का 50 प्रतिशत जमा करने का उल्लेख है, जिसे स्वयं वर्तमान ठेका 5 जुलाई 2018 में विलुप्त किया गया, जिससे शासन को राजस्व की हानि हुई है। नौकाघाट निलामी की सूचना भी जनपद सदस्यों को कार्यालय द्वारा नहीं दिया गया है।

जो मुख्य कार्यपालन अधिकारी की लापरवाही को दर्शाता है। इस संबंध में जब भी अधिकारी से चर्चा करने का प्रयास किया गया, उनके द्वारा अपने पद का रूतबा दिखाते हुये जनप्रतिनिधियों को अपमानित किया गया। इन्ही बातों से रूष्ट होकर सदस्यों ने मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुये सीईओ के खिलाफ जांच की मांग की है।

इसी तरह एक ज्ञापन सरपंचों की ओर से दिये जाने की चर्चा हो रही है। बहरहाल यह मामला जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के बीच वचस्व की लड़ाई के रूप में सामने आया है। जिसमें पंचायती राज व्यवस्था में हुये संशोधनों के बाद जनप्रतिनिधियों के अधिकार छिने जाने की परिनिती के रूप में अलग-अलग जगहों से सामने आने लगा है। 

जनप्रतिनिधियों का नहीं हुआ अपमान- सीईओ 
इस संबंध में जनपद पंचायत पामगढ़ में पदस्थ सीईओ ऋचा ठाकुर  ने बताया कि उन पर दुर्व्यवहार किये जाने अथवा जनप्रतिनिधियों का अपमान किये जाने का आरोप पूरी तरह निराधार है। आज जो कुछ हुआ उसकी शुरूवात नावघाट ठेका को लेकर राज्य शासन के दिशा-निर्देश लागू किये जाने का विरोध ही है। 

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