रबी सीजन में किसानों को 1.13 लाख करोड़ रुपये के एमएसपी का भुगतान : कैलाश चौधरी
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि रबी सीजन 2020 के दौरान किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी करते हुए कुल 1.13 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।;
नयी दिल्ली । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि रबी सीजन 2020 के दौरान किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी करते हुए कुल 1.13 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। यह पिछले साल के एमएसपी भुगतान की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक है।
श्री चौधरी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 721 कृषि विज्ञान केंद्रों के लगभग 5000 वैज्ञानिकों और प्रतिनिधियों को कृषि सुधार विधेयकों के संबंध में संबोधित करते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के मसले को लेकर देश में विपक्ष द्वारा की जा रही राजनीति के बीच रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी करके केंद्र सरकार ने किसानों की आशंका दूर करने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि नए कृषि सुधार कानून से एमएसपी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कृषि राज्यमंत्री ने सभी प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि कृषि सुधार विधेयकों की वास्तविकता को अपने अपने क्षेत्र में स्थानीय भाषा में किसानों को बताएं। इन विधेयकों से जुड़े प्रत्येक पहलू तथा केंद्र सरकार की विभिन्न कृषि एवं किसान कल्याण से जुड़ी योजनाओं के उचित क्रियान्वयन को लेकर विस्तृत और सकारात्मक संवाद हुआ।
श्री चौधरी ने जोर देते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद पहले की तरह जारी रहेगी। उन्होंने दावा किया कि कोरोना काल में लाए गए कृषि से जुड़े तीन अहम अध्यादेश किसानों के हित में थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009-14 की तुलना में, पिछले छह साल में दलहनी फसलों के लिए किसानों को एमएसपी भुगतान 75 गुना बढ़ा है। गत पांच वर्षों में 645 करोड़ रुपये के मुकाबले 49,000 करोड़ रुपये एमएसपी का भुगतान किया गया है। इसी तरह वर्ष 2009-14 की तुलना में पिछले पांच वर्षों के दौरान तिलहन के किसानों के लिए एमएसपी भुगतान 10 गुना बढ़ा है।
इस साल रबी-2020 में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर किसानों को एक लाख 13 हजार करोड़ रुपये एमएसपी के रूप में भुगतान किया गया। यह राशि पिछले साल की तुलना में 31 फीसदी ज्यादा है।
कृषि राज्यमंत्री मंत्री ने कहा कि देश में किसानों के हित में एक के बाद एक कई कदम उठाए गए लेकिन इन सबके बावजूद जब तक कानूनों में बदलाव नहीं होता तब तक किसान के बारे में हम जो उन्नति का सोच रहे थे वह संभव नहीं थी इसलिए सरकार ने विधेयक पेश किए थे जिन्हें संसद ने पारित कर दिया है।