संसद ने निगोशिएबल इंस्ट्रमेंट (संशोधन) विधेयक पारित किया

निगोशिएबल इंस्ट्रमेंट (संशोधन) विधेयक-2018 संसद में पारित हो गया। राज्यसभा में विधेयक पारित होने के बाद अब इंस्ट्रमेंट एक्ट (विनिमेय उपकरण अधिनियम)-1881 में संशोधन को संसद की मंजूरी मिल गई है;

Update: 2018-07-26 23:15 GMT

नई दिल्ली। निगोशिएबल इंस्ट्रमेंट (संशोधन) विधेयक-2018 संसद में पारित हो गया। राज्यसभा में विधेयक पारित होने के बाद अब इंस्ट्रमेंट एक्ट (विनिमेय उपकरण अधिनियम)-1881 में संशोधन को संसद की मंजूरी मिल गई है। इस विधेयक में निगोशिएबल इंस्ट्रमेंट एक्ट (विनिमेय उपकरण अधिनियम)-1881 में संशोधन के जरिए चेक बाउंस होने और निगोशिएबल इंस्ट्रमेंट से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने पर दंड के विधान को विर्निष्ट किया गया है। 

लोकसभा में यह विधेयक 23 जुलाई को ही पास हो गया था। 

विधेयक के प्रावधान के अनुसार, चेक बाउंस से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए अदालत चेकदाता को शिकायतकर्ता को अंतरिम मुआवजा दने का निर्देश दे सकती है। 

अंतरिम मुआवजा का भुगतान कुछ निर्धारित परिस्थितियों में किया जा सकता है। चेकदाता अगर आरोप को मानने को तैयार नहीं हो तो मुआवजा की राशि चेक की राशि के 20 फीसदी से अधिक नहीं होगी और अदालत के आदेश आदेश के 60 दिन के भीतर यह रकम चुकानी होगी। 

यह विधेयक राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद कानून बन जाएगा और इससे छोटे व अनावश्यक मुकदमों में कमी आएगी। 

अगर चेकदाता आरोपों से बरी हो जाता है तो अदालत शिकायतकर्ता को अंतरिम मुआवजा की राशि वापस करने का निर्देश देगी और उसे 60 दिन के भीरत वापस करना होगा। 

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