पद्म श्री प्रोफेसर राधामोहन का 78 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख

 वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, गांधीवादी एवं प्रख्यात पर्यावरणविद् पद्मश्री राधामोहन का ओडिशा में भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में शुक्रवार को निधन हो गया;

Update: 2021-06-11 13:22 GMT

भुवनेश्वर।  वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, गांधीवादी एवं प्रख्यात पर्यावरणविद् पद्मश्री राधामोहन का ओडिशा में भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में शुक्रवार को निधन हो गया।

Prof Radhamohan Ji was deeply passionate about agriculture, especially adopting sustainable and organic practices. He was also respected for his knowledge on subjects relating to the economy and ecology. Saddened by his demise. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.

— Narendra Modi (@narendramodi) June 11, 2021

पारिवारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि प्रोफेसर राधामोहन काफी समय से बीमार थे और उन्हें निमोनिया के इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में इलाज के दौरान आज उनका निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे।

वह पुरी के एससीएस कॉलेज से अर्थशास्त्र प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए। सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति से पहले उन्होंने राज्य पर्यावरण विभाग में अपनी सेवा दी।

प्रो. राधामोहन और उनकी बेटी साबरमती को पिछले वर्ष ओडिशा के नयागढ़ जिले में बंजर भूमि पर पेड़-पौधे लगाकर उसे हरे भरे जंगल में बदलने के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रोफेसर राधामोहन के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “गांधीवादी और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर राधामोहन के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ।”

उन्होंने कहा, “अर्थशास्त्री से पर्यावरणविद बने प्रोफेसर राधामोहन का दीर्घकालिक जैविक खेती में विशिष्ट योगदान था। शोक संतप्त परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना।”

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