विपक्षी दलों को चुनाव आयोग से बड़ा झटका

चुनाव आयोग के विपक्षी दलों की मतगणना से पहले वीवीपैट-ईवीएम का मिलान करने की मांग को ठुकरा दिया है। मंगलवार को 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से यह मांग की थी;

Update: 2019-05-23 00:32 GMT

नई दिल्ली। चुनाव आयोग के विपक्षी दलों की मतगणना से पहले वीवीपैट-ईवीएम का मिलान करने की मांग को ठुकरा दिया है। मंगलवार को 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से यह मांग की थी। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले विपक्ष की वीवीपैट-ईवीएम का मिलान पहले करने की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है।

ईवीएम एवं वीवीपीएटी के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित 22 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को चुनाव आयोग का रुख किया और उससे यह आग्रह किया था कि मतगणना से पहले चुनिंदा मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाए।

विपक्षी दलों ने यह भी कहा था कि यदि किसी एक मतदान केंद्र पर भी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं पाया जाता तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सभी वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए। विपक्षी नेताओं ने कई स्थानों पर स्ट्रांगरूम से ईवीएम के कथित स्थानांतरण से जुड़ी शिकायतों पर कार्रवाई की मांग की थी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं कहा था ''हमनें मांग की है कि वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान पहले किया जाए और फिर मतगणना की जाए। यह हमारी सबसे बड़ी मांग हैं। वहीं, बसपा के दानिश अली ने कहा था कि स्ट्रॉन्ग रूम को लेकर जो शिकायतें थीं वे हमने चुनाव आयोग के समक्ष रखी हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश का प्रशासन मनमानी कर रहा है क्योंकि भाजपा को पता है कि जनता का क्या फैसला दिया है। अब वे हेराफेरी करना चाहते हैं।

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