अडानी मामले में सड़क पर उतरा विपक्ष
संसद सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भारी हंगामे के बाद लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार तक स्थगित कर दी गई;
नई दिल्ली। संसद सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भारी हंगामे के बाद लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार तक स्थगित कर दी गई। विपक्ष के नेता जहां अडानी मामले की जांच के लिए जेपीसी की मांग पर अड़े रहे, वहीं भाजपा के सांसद लंदन में दिए गए बयान को लेकर राहुल गांधी से माफी की मांग पर डटे रहे।
सत्र स्थगित होते ही विपक्ष के नेता प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) दफ्तर पर प्रदर्शन के लिए निकले। हालांकि पुलिस ने उन्हें ईडी ऑफिस से पहले ही विजय चौक पर ही रोक लिया। सांसद इडी ऑफिस नहीं जा सके। करीब 25 मिनट तक विजय चौक पर ही प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शन में शरद पवार की एनसीपी और ममता बनर्जी की टीएमसी के सांसद शामिल नहीं हुए। इससे पहले सत्र शुरू होने से आधे घंटे पहले कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के संसद कक्ष में विपक्ष के 18 दलों के नेताओं ने बैठक की। इसमें हिंडनबर्ग-अडानी रिपोर्ट की जांच के लिए जेपीसी की मांग को लेकर सरकार पर और दबाव बनाने पर सहमति बनी।
सभी दलों ने एक सुर में अडानी मामले में सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। बैठक में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), एनसीपी, आम आदमी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), केरल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा, विदुथलाई चिरुथिगल काची और एनसी ने भाग लिया।
राहुल-अडानी मुद्दे पर जमकर हंगामा
इससे पहले संसद सत्र के तीसरे दिन भी भाजपा और कांग्रेस के बीच राहुल और अडानी मुद्दे को लेकर जमकर टकराव हुआ। भाजपा ने जहां एक बार फिर लंदन में राहुल गांधी के दिए बयान को लेकर उनसे सदन में माफी की मांग की।
वहीं कांग्रेस और विपक्षी दलों ने अडानी-हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जेपीसी से जांच की मांग को लेकर हंगामा किया। आखिरकार हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 2 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा। इसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।