लोकायुक्त की नियुक्ति पर सरकार ने कहा- कि नियमों को ध्यान में रखकर की गई

 मध्य प्रदेश में लोकायुक्त के पद पर एन. के. गुप्ता की नियुक्ति में वरिष्ठता को दरकिनार किए जाने को लेकर उठे सवाल पर सरकार की सफाई आई है।;

Update: 2017-10-18 13:10 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त के पद पर एन. के. गुप्ता की नियुक्ति में वरिष्ठता को दरकिनार किए जाने को लेकर उठे सवाल पर सरकार की सफाई आई है। अपनी सफाई देते हुए सरकार ने कहा कि नियमों को ध्यान में रखते हुए यह नियुक्ति हुई है।

सरकार के प्रवक्ता और जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्र ने स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश लोकायुक्त अधिनियम 1981 का पूरी तरह पालन करते हुए लोकायुक्त के पद पर नियुक्ति हुई है। अधिनियम के सेक्शन 3(1)(अ) के अनुसार लोकायुक्त की नियुक्ति उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और नेता प्रतिपक्ष से विमर्श के बाद होना चाहिए और यह नियुक्ती इसी प्रकरण में हुई है। 

मिश्र के मुताबिक, अधिनियम के सेक्शन 3(2)(अ) के अनुसार सर्वोच्च न्यायाधीश की जिम्मेदारी संभालने का अनुभव हासिल करने वाला व्यक्ति लोकायुक्त के पद पर नियुक्त किया जा सकता है। इस तरह अधिनियम के अनुसार इस नियुक्ति में कोई भी असंगत बात नहीं है। 

जनसम्पर्क मंत्री और राज्य शासन के प्रवक्ता डॉ. मिश्र ने स्पष्ट किया है कि लोकायुक्त की नियुक्ति नियमों के तहत ही की गई है। ज्ञात हो कि, कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और कांग्रेस सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने गुप्ता की नियुक्ति पर उनकी वरिष्ठता पर सवाल उठाए थे।

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