मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी

बारिश के बाद उमस भरे  वातावरण ने मौसमी बीमारी का ऐसा कहर ढाया है कि हर अस्पताल में लोगों की भारी भीड़ नजर आ रही;

Update: 2017-09-11 16:37 GMT

मौसमी बीमारियों का असर, आक्सीजन लगे मरीज भी पड़े हैं जमीन पर 

अम्बिकापुर। बारिश के बाद उमस भरे  वातावरण ने मौसमी बीमारी का ऐसा कहर ढाया है कि हर अस्पताल में लोगों की भारी भीड़ नजर आ रही है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बात करें तो यहां मरीजों को पैर रखने तक की जगह नहीं है। यहां तक कि अस्पताल के गलियारे भी पूरी तरह से भर चुके हैं। गंभीर मरीजों को भी ऑक्सीजन लगाकर जमीन पर उपचार किया जा रहा है। अगस्त माह की बात करें तो पिछले एक माह में 20 हजार 615 मरीज अस्पताल पहुंच चुके हैं, जिनमें बच्चों की बात करें तो उनकी संख्या 2 हजार 681 है। कहा जा सकता है कि मौसमी बीमारी से बच्चे ही नहीं बड़े भी पीड़ित हैं। 

गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रत्येक दिन साढ़े आठ सौ से नौ सौ मरीज पहुंच रहे हैं। सितम्बर माह में अब तक  पांच हजार से ज्यादा मरीज अस्पताल पहुंचे हैं, जिनमें बड़ो की बात करें तो एक हजार 31 लोगों को दाखिल किया गया है, वहीं दाखिल बच्चों की संख्या 162 है। अस्पताल में ओपीडी हो या वार्ड के हालात हर जगह मरीज व उनके परिजनों की भीड़ खचाखच भरी पड़ी है। खासतौर पर महिला मेडिकल, बच्चा वार्ड, पुरूष मेडिकल में मौसमी बीमारियों का कहर साफ देखने को मिलता है। इस मौसम में वायरल बुखार, सर्दी खांसी के मरीज ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। 

पर्ची काउंटर में अस्पताल के बाहर तक लग रही लाइन
मौसमी बीमारी का कहर इस कदर बढ़ चुका है कि वायरल बुखार से ग्रसित लोगों की लम्बी लाईन पर्ची काउंटर पर देखने को मिल रही है। घंटो लोग लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई देते हैं। बताया जा रहा है कि सोमवार से पर्ची काउंटर की संख्या बढ़ाई जानी है। इससे शायद मरीजों को कुछ राहत मिले, परंतु मरीजों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। ओपीडी में हर विभाग के सामने मरीज भरे पड़े दिखाई दे रहे हैं। 

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