डीजे वाले बाबू पर अब अदालत भी सख्त : आयोजकों, संचालकों पर कार्रवाई के निर्देश

डीजे के कानफाडू संगीत पर अदालत भी सख्त हो गई है;

Update: 2022-12-01 16:51 GMT

रायपुर। डीजे के कानफाडू संगीत पर अदालत भी सख्त हो गई है। रायपुर के जिला जज और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष संतोष शर्मा ने इस शोर का संज्ञान लिया है।

उन्होंने पुलिस को इस मामले में आयोजन समिति और डीजे संचालकों पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। रायपुर जिले में यह पहला मामला है जब जिला जज ने पुलिस को इस तरह की कार्रवाई का निर्देश दिया हो। बताया जा रहा है 22.23 नवम्बर की रात रायपुर के सिविल लाइंस और गोल बाजार इलाकों में उर्स का आयोजन हुआ था। इस दौरान देर रात तक तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा था।

एलएलबी के कुछ विद्यार्थियों ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में इसकी लिखित शिकायत की। उसके आधार पर जिला जज संतोष शर्मा ने रायपुर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और दोनों थानों के प्रभारियों को कार्यवाही का विस्तृत निर्देश जारी किया। उन्होंने कार्रवाई की जानकारी अदालत को भी देने को कहा है।

जिला जज ने कहा हैए जिस प्रकार शिक्षक कक्षा में कोलाहल अर्थात चिल्लाने वाले विद्यार्थियों को कक्षा से बाहर करके दण्ड देता है, उसी प्रकार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन मिलकर ध्वनि प्रदूषण अर्थात कोलाहल फैलाने वाले व्यक्तियों को सजा देने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा, किसी कार्यक्रम का सौंदर्य बोध, सांस्कृतिक एवं भारतीय वाद्य यंत्रों के माध्यम से विनम्रता एवं कर्ण प्रियता से भी किया जा सकता है।

जिला रायपुर में किसी भी प्रकार का कोलाहल स्वीकार्य नहीं होगा। जिला जज ने आम लोगों से कहा हैए अगर किसी प्रकार की ऐसी कोई घटना होती है तो उसकी सूचना तत्काल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या जिला प्रशासनए पुलिस प्रशासन को प्रदान कर सकते हैं। उसपर शीघ्रता से कार्रवाई की जाएगी।

आयोजकों, संचालकों को छह महीने तक जेल हो सकती है

जिला जज ने बताया है  छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत जो कोई नियमों का उल्लंघन करेगा अथवा ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा उसे अधिकतम छह महीने की जेल और एक हजार रुपए तक के जुर्माने की सजा हो सकती है। इसके तहत शोर बचाने वाले उपकरणों लाउडस्पीकर आदि को राजसात भी किया जा सकता है।

कलेक्टर कुछ क्षेत्रों को साइलेंस जोन भी घोषित कर सकते हैंजिला जज ने याद दिलाया है कि कोलाहल नियंत्रण कानून के तहत जिला मजिस्ट्रेट को कोलाहल प्रतिबंधित क्षेत्र  साइलेंस जोन घोषित करने की शक्ति मिली हुई है।

अगर वे वह लोक हित में ऐसी कार्यवाही करना आवश्यक समझते हों वहां समय.सीमा तय कर वे साइलेंस जोन घोषित कर सकते हैं। ऐसा करके संबंधित इलाके में शोरगुल को प्रतिबंधित किया जा सकता है।

रायपुर में क्श्र वाले बाबुओं पर एक्शनरूआधी रात मचा रहे थे शोरए पुलिस ने की गाडिय़ां जब्तए उर्स कमेटियों को भी नोटिस जारी।

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