पांच रेंज में साइबर थाने खोलने अधिसूचना जारी लेकिन कैडर में मात्र तीन सब इंस्पेक्टर
साइबर अपराध की जांच करने के लिए पुलिस मुख्यालय में साइबर थाने और लैब की शुरुआत अक्टूबर महीने की गई है;
रायपुर। साइबर अपराध की जांच करने के लिए पुलिस मुख्यालय में साइबर थाने और लैब की शुरुआत अक्टूबर महीने की गई है। वहीं प्रदेश के पांच रेंज में रेंज स्तरीय साइबर थाना खोलने अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है, लेकिन प्रदेश में साइबर कैडर के मात्र तीन सब इंस्पेक्टर ही हैं। इनकी भर्ती 2010 में की गई थी। इसके बाद से नई भर्ती नहीं होने से मामला लटक गया है। यही नहीं दस साल बाद भी तीनों सब इंस्पेक्टर को प्रमोशन भी नहीं दिया गया। इस वजह से कंम्प्यूटर कैडर के निरीक्षक को साइबर थाने का प्रभारी बनाया गया है। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 20 साल बाद पुलिस मुख्यालय में साइबर थाना खोला गया है। अब पांच रेंज में साइबर थाने खोले जाने हैं।
इसके लिए अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। वर्तमान में सभी जिलों में साइबर सेल काम कर रहा है। लेकिन साइबर अपराधों की जांच करने के लिए विशेषज्ञ न होने से विवेचना और अपराधी को पकडऩे में दिक्कत आने लगी है। साइबर थानों में साइबर कैडर के इंस्पेक्टर सब इंस्पेक्टर नहीं होने के कारण यह स्थिति है। बताया जा रहा है कि दस साल पहले सिर्फ तीन सब इंस्पेक्टर की भर्ती की गई थी। इसके बाद पुलिस विभाग ने नई भर्तियां नहीं की। यही नहीं तीनों सब इंस्पेक्टर को पदोन्नाति तक नहीं की गई।
बिना एक्सपर्ट कैसे होगी जांच
राजधानी रायपुर समेत प्रदेशभर में साइबर अपराध के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अकेले रायपुर में तीन सौ से अधिक मामले एक साल में दर्ज हुए ह जबकि प्रदेशभर में यह आकंड़ा हजारों में है। अभी तक साइबर थाने नहीं होने के कारण ऐसे मामलों की एफआईआर लिखाने ठगी के शिकार लोगों को पुलिस थानों में भटकना पड़ता रहा है। जानकारों का कहना हैं कि पुलिस मुख्यालय के बाद प्रदेश के पांच रेंज रायपुर, बिलासपुर, दुग,जगदलपुर, सरगुजा में साइबर थाना तो खुल जाएंग लेकिन साइबर के एक्सपर्ट नहीं होने से केस की जांच करने और अपराधी को पकडऩे में काफी परेशानी आएगी।