न्यायालय का केंद्र व आरबीआई को नोटिस

शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय ने खरीदारों द्वारा आम्रपाली बिल्डर की कंपनियों को दिवालिया प्रक्रिया में डाले जाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, आरबीआई और आम्रपाली ग्रुप को नोटिस जारी किया;

Update: 2017-10-07 14:15 GMT

नोएडा। शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय ने खरीदारों द्वारा आम्रपाली बिल्डर की कंपनियों को दिवालिया प्रक्रिया में डाले जाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, आरबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और आम्रपाली ग्रुप को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। जिसके बाद से आम्रपाली के खरीदारों को कुछ राहत मिली है। 

हालांकि खरीदारों का कहना है कि बिल्डर के खिलाफ उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक उन्हें उ नके घर नहीं मिल जाते। जानकारी के मुताबिक आम्रपाली ग्रुप की कंपनी सिलिकॉन व आम्रपाली अल्ट्रा होम्स को एनसीएलटी द्वारा दिवालिया घोषित प्रक्रिया में डाले जाने के फैसले के खिलाफ खरीदारों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिसपर सुनवाई करते हुए अदालत ने नोटिस जारी किया है। 
उल्लेखनीय है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्जी को मंजूर करते हुए आम्रपाली ग्रुप की दो कंपनियों को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया में डाल दिया। एनसीएलटी की पीठ ने अर्जी पर फैसला सुनाते हुए संजय गुप्ता को इन्सोलवेंसी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) के तौर पर नियुक्त किया है। जो कि 270 दिनों में बैंक ऑफ बड़ोदा के बकाया कर्ज को वसूलने के लिए कोई रास्ता निकालेंगे।

धरने पर बैठे खरीदारों ने बताया राहत भरा फैसला

वहीं बिल्डर द्वारा घर न दिए जाने से नाराज खरीदारों पिछले 56 दिनों से सेक्टर-62 स्थित धरने पर बैठे खरीदार ने सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले को राहत भरा बताया।  धरने पर बैठे सूरज वालिया ने बताया कि अदालत ने सुनवाई करते हुए सही फैसला लेते हुए नोटिस जारी किए हैं। अब लगता है कि हमें अपनी लड़ाई सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से ही लड़नी पड़ेगी क्योंकि सरकार तो सिर्फ आश्वासन ही दे रही है। उन्होंने कहा कि हम लोग पिछले 56 दिनों से यहां धरने पर बैठे हुए हैं और कई बार अधिकारी व नेता हमारे पास आए और सिर्फ आश्वासन देकर चले गए। लेकिन अभी तक भी किसी ने यह नहीं बताया कि हम लोगों के घर कब मिलेंगे।

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