साहित्योत्सव में नामचीन कवि करेंगे शिरकत

साहित्य अकादेमी द्वारा प्रति वर्ष मनाया जाने वाला साहित्योत्सव इस बार 12 से17 फरवरी के बीच आयोजिन किया जाएगा;

Update: 2018-02-09 14:56 GMT

नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी द्वारा प्रति वर्ष मनाया जाने वाला साहित्योत्सव इस बार 12 से17 फरवरी के बीच आयोजिन किया जाएगा। उत्सव का आरंभ अकादमी की वर्ष भर की गतिविधियों को प्रदर्शित करते वाली प्रदर्शनी से होगा और कथाकार चित्रा मुदगल इस प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे।  

यह जानकारी देते हुए साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि इस साहित्योत्सव में देश के कोने-कोने से विभिन्न भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 250 लेखक और विद्वान विविध कार्यक्रमों में भागीदारी करेंगे।

साहित्य अकादेमी पुरस्कार अर्पण समारोह कमानी सभागार में 12 फरवरी को शाम आयेाजित किया जाएगा जिसमें 24 भारतीय भाषाओं के वर्ष 2017 के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इसवर्ष त्रि-द्विवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय 'भारत की स्वाधीनता के 70 वर्ष: साहित्य में चित्रण है, जिसका उद्घाट नवक्तव्य प्रख्यात ओड़िया लेखक एवं महत्तर सदस्य, साहित्य  अकादेमी मनोज दास करेंगे। इस संगोष्ठी में रघुवीर चौधरी, शरण कुमार लिम्बाले, भालचंद्र नेमाड़े, एच.एस. शिवप्रकाश, के. सच्चिदानंदन, सी. राधाकृष्णन जैसे प्रख्यात लेखक एवं विद्वान भाग ले रहे हैं।

एक अन्यसंगोष्ठी'वाचिक एवंजनजातीय साहित्य पर भी होगी, जिसका उद्घाटन वक्तव्य प्रख्यात विद्वान मृणालमिरी देंगे। प्रख्यात कन्नड़ लेखक एवं साहित्य अकादेमी के महत्तर सदस्यडॉ. एस.एल. भैरप्पा द्वारा ''व्यासगुफा की यात्रा विषय पर संवत्सर व्याख्यान दिया जाएगा। युवासाहिती, आमने-सामने, पूर्वोत्तरी-उत्तर-पूर्वी और उत्तरी लेखक सम्मिलन, आदिवासी कवि सम्मिलनआदि के अतिरिक्त तीन परिसंवाद-'अनुवाद पुनर्कथन के रूप में, 'मीडिया और साहित्य एवं 'भारतीय साहित्य में प्रकाशकों की भूमिका विषय पर आयोजित किए जा रहे हैं। बच्चों के लिए 'आओ कहानी  बुनें के अंतर्गत  विभिन्न प्रतियोगिताएं एवं संवाद आयोजित किए जाएंगे, जिसमें प्रख्यात कार्टूनिस्ट एवं लेखक आबिद सुरती बच्चों के साथ संवाद करेंगे।

इस वर्ष भारत और इज़राइल के बीच राजनयिक संबंधों के 25 वर्ष पूर्ण होने पर भारतीय-इज़राइली लेखक सम्मिलन का भी आयोजन किया जा रहा है। तीनों दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत कूचिपुड़ी नृत्य, साङराईं और नृत्य, कवि सम्मिलन तथा शेखर सेन द्वारा मध्य युगीन काव्य की सांगीतिक प्रस्तुति भी आयोजित की जाएगी। 

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