मम्मी कंपनी में आग लग गई है मुझे आकर बचा लो...
नोएडा ! जानकर हैरानी होगी। यह बाते जसप्रीत ने फोन पर अपनी मां से कहीं। जसप्रीत कंपनी में एचआर थी। उसका ऑफिस कंपनी का टॉप फ्लोर पर था। जसप्रीत की मां मीनू ने यह बाते कहीं।;
नोएडा ! जानकर हैरानी होगी। यह बाते जसप्रीत ने फोन पर अपनी मां से कहीं। जसप्रीत कंपनी में एचआर थी। उसका ऑफिस कंपनी का टॉप फ्लोर पर था। जसप्रीत की मां मीनू ने यह बाते कहीं। उन्होंने बताया कि जब कंपनी में आग लगी। जसप्रीत अपने ऑफिस में थी। उसने आग लगने की सूचना फोन पर दी। उसने यह भी कहा कि मम्मी दमकल विभाग का नंबर नहीं लग रहा है। मुझे बचा लो मै फंस गई हूं।
मीनू ने बताया कि उसने करीब पौने दो बजे फोन किया। जिसके बाद से उसका फोन नॉट रिचबल हो गया। अंत में फोन बंद आने लगा। मीनू कंपनी पहुंची। आग की लपटे देखकर उसके आंसू नहीं रूक रहे थे। कई बार वह खुद कंपनी में जाने लगी। लेकिन पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें पीछे किया। वह बार-बार पुलिस से अपनी बच्ची को ढूढंने की बात कहती रही। वह बताती रही कि कंपनी में उसकी बेटी भी है। लेकिन किसी ने उसकी गुहार नहीं सुनी। अंत में पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया। जिसमे पांच पुरुषों के साथ एक महिला का शव भी मिला। हालांकि शव बुरी तरह से जला हुआ है। ऐसा कुछ भी नहीं बचा कि उसकी शिनाख्त की जा सके। हालांकि परिजन शव को पहचानने से इंकार कर रहे है। वह मानने को तैयार नहीं जिस लडक़ी से उनकी एक बजे बात की उसकी मौत कैसे हो सकती है। फिलहाल एसएसपी ने डीएनए टेस्ट की बात कहीं है। टेस्ट के बाद ही महिला की शिनाख्त हो पाएगी। आग इतनी विकराल थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर की दमकल की गाडिय़ां भी आग बुझाने के लिए कम पड़ गई। आग बुझाने के लिए हापुड़ से गाडिय़ां बुलानी पड़ी। देर शाम तक आग पर काबू पाया जा सका। लेकिन कंपनी के कुछ भाग में अब भी आग की लपटे है। जिनको बुझाने का काम किया जा रहा है। एसएसएपी धमेंद्र यादव ने बताया कि आग की वजह से पूरी कंपनी जलकर राख हो गई। कंपनी के गोदाम से आग की शुरुआत हुई। जिसके बाद आग पूरी कंपनी में फैल गई। मलबा ज्यादा होने के चलते सर्च आपरेशन में भी देरी हो रही है। हालांकि घटना में अभी तक छह डेड बाडी निकाली जा चुकी है।
अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह में नहीं बचाई जा सकी जान
14 अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल तक अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। आज सुरक्षा सप्ताह का अंतिम दिन है। लेकिन सुरक्षा सप्ताह के खत्म होने से एक दिन पहले ही नोएडा में ऐसा हादसा होगा, इसका किसी को नहीं पता था। लेकिन सुरक्षा सप्ताह में एलईडी बनाने वाली फैक्ट्री में हुए हादसे ने नोएडा ही नहीं बल्की दिल्ली एनसीआर की कंपनियों में काम करने वाले लोगों को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे में अग्निशमन विभाग के हाईड्रॉलिक प्लैटफॉर्म ने अहम भूमिका निभाई। हाईड्रॉलिक प्लैटफॉर्म के जरिए ही ऊपरी तलों सो फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों को बमुश्किल निकाला जा सका।
यह प्लैटफॉर्म नोएडा अग्निशमन विभाग को तीन साल पहले ही मिला था। अगर यह हाईड्रॉलिक प्लैटफॉर्म अग्निशमन विभाग के पास नहीं होता तो कई सौ लोगों की जान जा सकती थी। अग्निशमन कॢमयों ने अपनी जान पर खेलकर कई सौ लोगों की जिंदगी चंद मिनटों में बचा डाली। अग्निशमन विभाग ऐसे बड़े हादसों के लिए काफी सालों से हैलिकॉप्टर की मांग कर रहा है। जिसके लिए कई बार प्रस्ताव भी बन चुके है। लेकिन विभाग को हैलिकॉप्टर नहीं मिल सका। सूत्रों की माने तो इस प्रस्ताव पर फंडिग को लेकर काफी चर्चा हुई। लेकिन फंडिग ना होने के चलते यह हैलिकॉप्टर नहीं मिल सका। इस प्रस्ताव में नोएडा और गाजियाबाद को एक हैलिकॉप्टर मिलने का प्रस्ताव बनाया गया था।
छत पर रखे जनरेटर दे रहे हादसों को न्यौता
नोएडा में कई सौ कंपनियां और हॉटल ऐसे है जिन्होंने जगह ना होने के चलते अपनी फैक्ट्री और हॉटल की छत पर डीजल जनरेटर रखे हुए है। अगर इन फैक्ट्रियों और हॉटल में कभी ऐसा हादसा हुआ तो जान बचनी मुश्किल है। अगर जनरेटर तक आग पहुंची तो विस्फोट भी हो सकता है। इसकी जानकारी होने के बावजूद भी लोग अनजान बने हुए है।
देर शाम पहुंचे प्राधिकरण अधिकारी
घटना के करीब पांच घंटे बाद प्राधिकरण अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीके अग्रवाल घटना स्थल पर पहुंचे उन्होंने मौका मुआयना किया साथ ही संबंधित अधिकारियों को जांच के आदेश दिए। फिलहाल देर रात तक दमकल की गाडिय़ों की आवाजाही लगी रही।