एनएचएआई ने हटाया धार्मिक स्थल, किया जाएगा विस्थापित

नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचआई) यूपी गेट से डासना तक 14 लेन के एनएच-24 का निर्माण कार्य कर रही है;

Update: 2018-04-21 13:48 GMT

नोएडा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचआई) यूपी गेट से डासना तक 14 लेन के एनएच-24 का निर्माण कार्य कर रही है। इसके लिए शुक्रवार को छिजारसी के पास बने एक धार्मिक स्थल को हटाया गया। इस मंदिर को विस्थापिक किया जाएगा।

इसके लिए पांच लाख रुपए एनएचएआई द्वारा दिए जाएंगे। धार्मिक स्थल को हटाने पर कोई हंगामा न हो लिहाजा मौके पर गाजियाबाद , नोएडा के विभिन्न थानों की पुलिस के साथ जिला प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। 

वाहन चालको के सहुलियत के लिए एनएच-24 को चौड़ा किया जा रहा है। 6 लेन का दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और 8 लेन का एनएच-24 बनने के बाद यूपी गेट से डासना के बीच 19.38 किलोमीटर की दूरी सिग्नल फ्री होने के कारण महज 20 मिनट में पूरी हो सकेगी। यूपी गेट से डासना के बीच एनएच-24 पर 16 बड़े और 71 छोटे जंक्शन (टी-पॉइंट) बनाए जाएंगे, जिनके नीचे से अंडरपास बनेंगे। इस प्रॉजेक्ट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि कहीं भी ट्रैफिक के टकराव की नौबत नहीं आएगी। हालांकि वाहनों को इंटरनल रूट्स से एनएच-24 पर आने के लिए 200 से 300 मीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ सकती है।

इसके लिए दूसरे स्ट्रेच का काम किया जा रहा है। इसके तहत शुक्रवार को छिजारसी में एनएचएआई की जमीन पर बने एक धार्मिक स्थल को हटाया गया। बताया गया कि यह धार्मिक स्थल काफी प्रतिष्ठित है। लिहाजा प्राधिकरण ने यहा लोगों से बातचीत की। इसके बाद मंदिर को विस्थापित करने की बात पर राजी हुए। बतौर विस्थापन व निर्माण के लिए एनएचएआई द्वारा पांच लाख रुपए भी दिए जाएंगे। मौके पर मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यह जमीन एनएचएआई की है।

धार्मिक स्थल हटाने के दौरान लॉ एंड आर्डर की स्थिति न बिगड़े लिहाजा यहा पुलिस बल तैनात किया गया था। धार्मिक स्थल को हटा दिया गया है। यही नहीं इस दौरान रूट डायवर्जन भी किया गया। ताकि कार्य में किसी प्रकार की बाधा न आए। 

समझाने के बाद शांत हुए लोग

धार्मिक स्थल हटाने के दौरान कुछ लोगों ने विरोध करने का प्रयास किया। लेकिन मौजूद आला अधिकारियों ने उन्हें समझाया। जिसके बाद वह शांत हुए और वापस चले गए। हालांकि मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। ताकि किसी भी प्रकार से लॉ एंड आर्डर की खराब न हो। 

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