नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन का शिलान्यास करने के बाद इसके निर्माण के औचित्य के बारे में जानकारी दी;

Update: 2020-12-10 15:22 GMT

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन का शिलान्यास करने के बाद इसके निर्माण के औचित्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी, तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, नए भवन में 21 वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज इंडिया गेट से आगे नेशनल वार मेमोरियल ने राष्ट्रीय पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा। आने वाली पीढ़ियां नए भवन को देखकर गर्व करेंगी कि ये स्वतंत्र भारत में बना है। आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करते हुए इसका निर्माण होगा। "

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नए संसद भवन में अनेक नई चीजें की जा रही हैं, जिससे सांसदों की दक्षता बढ़ेगी। उनके वर्क कल्चर में आधुनिक तौर-तरीके आएंगे। उन्होंने कहा कि सांसदों से मिलने के लिए उनके संसदीय क्षेत्र से लोग आते हैं, अभी जो संसद भवन है, उनमें लोगों को बहुत दिक्कत होती है। आम जनता को अपनी कोई परेशानी, अपने सांसद को बतानी है तो इसके लिए संसद भवन में स्थान की कमी महसूस होती है। भविष्य में प्रत्येक सांसद के पास सुविधा होगी कि वह अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से यहीं परिसर में व्यवस्थित रूप से मिल सकेंगे।

पीएम मोदी ने कहा भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है। भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है। भारत के लिए लोकतंत्र में, जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है।

उन्होंने कहा संसद के शक्तिशाली इतिहास के साथ ही यर्थाथ को स्वीकारना उतना ही आवश्यक है। ये इमारत अब करीब 100 साल की हो रही है। बीते वर्षों में इसे जरूरत के हिसाब से अपग्रेड किया गया। कई नए सुधारों के बाद संसद का ये भवन अब विश्राम मांग रहा है।

आखिरी में पीएम मोदी ने कहा हमें संकल्प लेना है ये संकल्प हो India First का। हम सिर्फ और सिर्फ भारत की उन्नति, भारत के विकास को ही अपनी आराधना बना लें। हमारा हर फैसला देश की ताकत बढ़ाए। हमारा हर निर्णय, हर फैसला, एक ही तराजू में तौला जाए। और वो है- देश का हित सर्वोपरि।

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