नवापारा-राजिम : बिना तपे वस्तु की कीमत नहीं होती 

पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के सातवें सोपान पर उत्तम तप धर्म की व्याख्या करते हुए ब्रह्मचारिणी दीदी ने बताया कि ''इच्छा निरोध: तप: इच्छाओं का निरोध ही तप है;

Update: 2019-09-10 15:09 GMT

नवापारा-राजिम। पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के सातवें सोपान पर उत्तम तप धर्म की व्याख्या करते हुए ब्रह्मचारिणी दीदी ने बताया कि ''इच्छा निरोध: तप: इच्छाओं का निरोध ही तप है। जो आत्मा को कुंदन करे उसका नाम तप है। जो जितना तपता है उतना ही चमकता है यदि चमकना है तो तपना ही पड़ेगा। बिना तपे वस्तु की कीमत नहीं होती है। देख लो रोटी को, सोने को जो तपता है वह ही चमकता है।

कलश को दुनिया देखती है पर कलश बना कैसे है उसे देखने कोई नहीं जाता है। भरे को सबको कोई भरता है खाली को कोई नहीं भरता है। बालकों भगवान जिनेंद्र के भवन के दर्शन से भी भव का नाश हो जाता है। सम्मान के दिनों में मुस्कुरा रहे हो अपमान के काल में कोई नहीं देखता। सबके दिन एक से नहीं होते है। किसी के सिर पर जाना है तो अपमान को सहन करना पड़ता है।

शिखर पर पहुँचना है तो तपना पड़ेगा। जब जगत के जीव सोते है तब योगी जागते है और जब जगत के जीव  जागते है वे योगी विषय कषाय से दूर सोते है। अपमान से बड़ी जगत में कोई वेदना नहीं है। नरक  से बड़ी वेदना कोई है उसका नाम है अपमान हे युवाओं ! किसी की ऊंचाइयों को देखकर मत जलना आप ये देख लो कि वह ऊंचाई पर कैसे पहुँचा है। देख लो जब तपस्वी कठिन साधना करते है। वे ही ऊंचाई पर जाते है। 

तपस्या के करते-करते जीव की चमक बढ़ती जाती है। भूखे रहना तप नहीं है तपस्वी अनशन तप को तपता है अहो प्रज्ञ! अशन आत्मा का धर्म नहीं है अनशन आत्मा का धर्म है। प्रवचन के पूर्व भगवान की स्वर्ण कलश से शांतिधारा करने का सौभाग्य सुभाष सिंघई, संजय सिंघई, शैलेष सिंघई, सोनल सिंघई परिवार ने पाया।

रजत कलश के लाभार्थी परिवार पं. जय कुमार, सुरेंद्र, सौरभ जैन परिवार रहे। भगवान के गुणानुवाद जिन सहस्त्रनाम स्त्रोत्र का वाचन निवेदिता-राजेन्द्र पहाड़िया, अंजलि-सौरभ पहाड़िया ने किया। उसके बाद सभी भक्तों ने मिलकर भगवान की पूजा अर्चना की। रात्रि में भक्ति का आयोजन बड़े ही धूम धाम से किया जाता है।

लोग नृत्य करते हुए भक्ति का आनंद लेते रहे। भक्ति के उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जोड़ी बनाओ प्रतियोगिता हुई जिसमें सभी महिलाओं ने मनमोहक प्रस्तुतियां दी। प्रथम स्थान पर सोनाली-मयूरी चौधरी, द्वितीय परी-एकता, तृतीय स्थान पर दो जोड़ियां अनिता, नेहा और मनीषा की जोड़ी रही। उक्त जानकारी समाज के सचिव मनीष जैन ने दी।

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