वन्यजीवों के संरक्षण के लिए 15 वर्षीय राष्ट्रीय कार्य योजना
वन्यजीवों के सरंक्षण और साफ सुथरे पर्यावास के लिए सरकार अगले 15 वर्षों के लिए एक राष्ट्रीय वन्य जीव योजना लेकर आ रही है;
नयी दिल्ली। वन्यजीवों के सरंक्षण और साफ सुथरे पर्यावास के लिए सरकार अगले 15 वर्षों के लिए एक राष्ट्रीय वन्य जीव योजना लेकर आ रही है। वन और पर्यावरण मंत्री डाक्टर हर्षवर्धन ने आज यहां संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2017 से 2031 तक के लिए तैयार की गयी यह योजना दो अक्टूबर को जारी की जाएगी। उन्हाेंने कहा कि इस याेजना के तहत वन्यजीवों के लिए नैदानिक सुविधाओं की व्यवस्था तथा जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं से निबटने की रणनीति तैयार की जाएगी।
हर्षवर्धन ने इस अवसर पर वैश्विक वन्यजीव कार्यक्रम सम्मेलन के आयोजन की जानकारी भी दी और बताया कि दो अक्टूबर से आयेाजित होने वाले वन्यजीव सप्ताह के मौके पर होने जा रहे इस सम्मेलन के जरिए वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन को बेहतर बनाने तथा पर्यटन के जरिए आजhविका के अवसरों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन भारत के लिए अपने प्राकृतिक संसाधनों और वन्यजीवों के सरंक्षण के लिए देश में किए गए उपायों को दुनिया के सामने लाने का एक बेहतरीन अवसर होगा। सम्मेलन का आयोजन वन संरक्षण समितियों,सरकारी विभागों तथा विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एशिया और अफ्रीका के करीब 19 देशों में वन्यजीवों के शिकार और उनके अंगो की हो रही तस्करी के खिलाफ सम्मेलन में आवाज उठायी जाएगी और इस समस्या से निबटने के तरीकों को खोजा जाएगा।
सम्मेलन में भारत के अलावा अफगानिस्तान,केन्या,दक्षिण अफ्रीका,इंडोनेशिया,माले,जांबिया,थाईलैंड,वियतनाम,कांगो और मोजांबिक समेत कुल 18 देशों के सरकारी अधिकारी और प्रतिनिधित शिरकत करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत के लिए इस सम्मेलन का खास महत्व इसलिए है क्योंकि वन्यजीवों के सरंक्षण और उनकी तस्करी रोकने के खिलाफ वह अग्रणी भूमिका में है। ऐसे में अन्य देशों के साथ इस मुद्दे पर विचार- विमर्श और सहयोग भारत के लिए काफी लाभकारी होगा।