संगीत कंपनियां पाकिस्तानी कलाकारों के गाने हटाएं : मनसे

जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की मांग पर संगीत कंपनी टी-सीरीज ने पाकिस्तानी कलाकारों द्वारा गाए दो गीतों के प्रचार रोक दिए हैं;

Update: 2019-02-17 23:17 GMT

मुंबई। जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की मांग पर संगीत कंपनी टी-सीरीज ने पाकिस्तानी कलाकारों द्वारा गाए दो गीतों के प्रचार रोक दिए हैं, और उनके वीडियो हटा लिए हैं। मनसे ने 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद संगीत कंपनियों से पाकिस्तानी कलाकारों के गानों और वीडियोज को न चलाने और उनके साथ काम बंद करने के लिए कहा है। पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 49 जवान शहीद हो गए थे।

मनसे चित्रपट सेना के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने आईएएनएस से कहा, "टी-सीरीज ने पाकिस्तानी कलाकारों वाले वीडियोज को पहले ही 15 फरवरी को अपने विभिन्न माध्यमों से हटा लिए हैं और भविष्य में उनके साथ काम नहीं करने का निर्णय लिया है। यही कदम अन्य संगीत कंपनियों ने उठाया है।"

एक सूत्र के अनुसार, टी-सीरीज ने हाल ही में रिलीज किए राहत फतेह अली खान के गीत और आतिफ असलम के 'बारिशें' को यूट्यूब से हटा दिया है। टीवी और रेडियो पर इन गानों का प्रचार भी रोक दिया गया है।

भारत के फिल्म और संगीत के कई कलाकारों ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन के आत्मघाती हमले में जैश-ए-मोहम्मद द्वारा गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले की कड़ी निंदा की थी। 

इससे पहले 2016 में उरी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने पर मनसे ने पाकिस्तानी कलाकारों, गायकों और अन्य कर्मियों को भारत छोड़ने के लिए कहा था।

मेंहदी हसन, नुसरत फतेह अली खान और गुलाम अली जैसे पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काफी बड़ी संख्या में प्रशंसक हैं। पिछले कुछ सालों में शफकत अमानत अली खान, अली जफर और फरहान सईद के अलावा आतिफ और राहत के भी यहां काफी प्रशंसक हो गए हैं।

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