मुंबई हिट एंड रन कोई एक्सीडेंट नहीं, सोची-समझी हत्या है : संजय राउत

मुंबई पुलिस ने मंगलवार को बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन केस में मुख्य आरोपी मिहिर शाह को ठाणे से गिरफ्तार कर लिया। तीन दिन पहले 24 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी बीएमडब्ल्यू कार से एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी थी, जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी और उसका पति घायल हो गया था;

Update: 2024-07-10 13:55 GMT

मुंबई। मुंबई पुलिस ने मंगलवार को बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन केस में मुख्य आरोपी मिहिर शाह को ठाणे से गिरफ्तार कर लिया। तीन दिन पहले 24 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी बीएमडब्ल्यू कार से एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी थी, जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी और उसका पति घायल हो गया था।

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने आईएएनएस के बात करते हुए मुख्य आरोपी के पिता राजेश शाह पर निशाना साधा है।

संजय राउत ने कहा कि सरकार की तरफ से आरोपी को बचाने की कोशिश चल रही है। हिट एंड रन का मामला साधारण नहीं है। मुख्य आरोपी के पिता राजेश शाह का क्रिमिनल रिकॉर्ड चेक कर लीजिए। अगर शिवसेना शिंदे गुट के नेता राजेश शाह का क्रिमिनल रिकॉर्ड आपके पास नहीं होगा तो हम दे देंगे। इसके सारे अपराध अंडरवर्ल्ड से संबंधित हैं।

उन्होंने आगे कहा, "राजेश शाह क्या करता है? उसकी कितनी प्रॉपर्टी है और इतनी महंगी गाड़ी कहां से लाता है। इसका हिसाब मुंबई पुलिस को करना पड़ेगा। बोरीवली पुलिस स्टेशन में राजेश के खिलाफ कई अपराधिक मामले दर्ज हैं। और मैं मुंबई पुलिस कमिश्नर से कहता हूं कि उनके सारे रिकॉर्ड सार्वजनिक किए जाएं।

संजय राउत ने कहा, "एकनाथ शिंदे के पास ऐसे अपराधी बैठते हैं। इस पर सभी को विचार करना चाहिए। आरोपी मिहिर शाह का नशा मेडिकल रिकॉर्ड में न आए इसलिए उसे तीन दिन तक फरार रखा गया। इतना घोर अपराध करने के बाद भी उसे इस तरह से बचाया जा रहा है, यह निंदनीय है। आप वीडियो में देख सकते हैं कि एक महिला को किस तरह से नशे में बार-बार कुचला गया। मैं प्रशासन से गुजारिश करता हूं कि ऐसा व्यक्ति कभी जेल से छूटना नहीं चाहिए। अगर कोई उसे बचाने की कोशिश कर रहा है तो लोगों को सड़क पर उतर कर उससे जवाब पूछना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "आरोपी को बचाने की कोशिश पहले से चल रही थी। आरोपी का पिता बहुत ही पैसे वाला आदमी है। सरकार को इस पर ध्यान चाहिए कि उनके पास इतना पैसा कहां से आ रहा है। मामला बहुत ही गंभीर है। यह कोई एक्सीडेंट नहीं है। अगर एक्सीडेंट होता तो आरोपी बार-बार महिला पर गाड़ी नहीं चढ़ाता। यह सोची-समझी हत्या है और यह हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। ऐसे लोगों को फांसी पर चढ़ाना चाहिए।"

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