मप्र के उपसचिव ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई
मध्य प्रदेश में आयोजित प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने पर कांग्रेस नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री सचिवालय के उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम पर लगाए गए आरोपों के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है;
भोपाल। मध्य प्रदेश में आयोजित प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने पर कांग्रेस नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री सचिवालय के उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम पर लगाए गए आरोपों के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। उपसचिव मरकाम ने कांग्रेस नेता और व्हिसलब्लोअर के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया है। वहीं, कांग्रेस ने इसे डराने की कोशिश करार दिया है। ज्ञात हो कि शनिवार को मोबाइल फोन का एक स्क्रीनशॉट वायरल हुआ था, जिसमें पात्रता परीक्षा का प्रश्नपत्र भी नजर आ रहा था। इस पर कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी और प्रदेश महामंत्री के.के. मिश्रा ने गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था, महाभ्रष्टाचार का केंद्र बन चुके व्यापम का नाम तीसरी बार बदल कर सरकार ने कर्मचारी चयन बोर्ड कर दिया है, वह सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।
उन्होंने कहा था, "इन दिनों राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा हो रही है, यह बोर्ड परीक्षा ले रहा है। परीक्षा ऑनलाइन है और इस परीक्षाओं में मोबाइल फोन पूरी वर्जित है। ऐसे में जब परीक्षा मोबाइल फोन वर्जित है तब 35 पेज का परीक्षा पत्र जो 25 मार्च को संपन्न हुआ है और उसकी आंसर शीट मुख्यमंत्री के ओएसडी लक्ष्मण सिंह मरकाम के पास कैसे आई।"
"मरकाम को आयुध मंत्रालय से रक्षा मंत्रालय के माध्यम से मध्य प्रदेश प्रतिनियुकित पर भेजा गया है। उप सचिव पद पर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। उनके मोबाइल यह आंसर शीट कैसे पहुंची। यह व्यापम से भी महत्वपूर्ण प्रकरण है जहां बेरोजगार पुलिस की लाठियां खा रहे हैं, वहां आयोग व्यक्तियों को भ्रष्टाचार के माध्यम से इस तरह की करतूतों को उपयोग में लाकर भर्ती करने का उपक्रम खेला जा रहा है।" इसी तरह के गंभीर आरोप ह्विसलब्लोअर डॉ. आनंद राय ने भी लगाए थे।
इन आरोपों को लेकर मरकाम में आदिम जाति कल्याण थाने में शिकायत दर्ज कराई है जिस पर मिश्रा और राय के खिलाफ अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम की धाराओं के अलावा अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
मरकाम द्वारा दर्ज कराए गए मामले के बाद कांग्रेस नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। मिश्रा ने कहा है, "सरकार अन्य मामलों में मुझे डरा व खरीद नहीं पाए तो एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग और एफआईआर। मुझे खुशी होती इसके पहले, शिक्षक भर्ती वर्ग 3 परीक्षा की धांधली को लेकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होती। सच व भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने से न तब डरा था और न अब डरूंगा।"