फिल्म रिव्यू :बॉलीवुड स्टाइल रिवेंज ड्रामा है 'द लॉयन किंग' और 'झूठा कहीं का'

इस सप्ताह कई फिल्में रिलीज़ हुई जैसे "झूठा कहीं का"जिसमें ऋषि कपूर, जिमी शेरगिल, सनी सिंह, लिलेट दुबे,और निमिषा मेहता जैसे कलाकार इन्हीं के साथ एक हॉलीवुड की एनीमेशन फिल्म"द लॉयन किंग" भी रिलीज़;

Update: 2019-07-19 16:22 GMT

फिल्म समीक्षक 

इस सप्ताह कई फिल्में रिलीज़ हुई जैसे "झूठा कहीं का" जिसमें ऋषि कपूर, जिमी शेरगिल, ओमकार कपूर, सनी सिंह, लिलेट दुबे, राजेश शर्मा और निमिषा मेहता जैसे कलाकार है वही "फैमिली ऑफ़ ठाकुरगंज" में जिमी शेरगिल, माही गिल, नंदीश सिंह, सौरभ शुक्ला और सुप्रिया पिलगांवकर जैसे कलाकारों का जमावड़ा है इन्हीं के साथ एक हॉलीवुड की एनीमेशन फिल्म "द लॉयन किंग" भी रिलीज़ हुई। 

"झूठा कहीं का" स्टार रेटिंग

पहले बात करते है "झूठा कहीं का" की, वैसे तो काफी वर्षों पहले ऋषि कपूर और नीतू सिंह की फिल्म झूठा कहीं का आई थी और काफी हिट रही थी और उसी फिल्म के बाद इन दोनों की रियल लाइफ में सगाई हो गयी थी, यह एक अच्छी बात है की इतने वर्षों बाद जब एक बार फिर "झूठा कहीं का" बनी तो उसमें भी ऋषि कपूर एक महत्वपूर्ण किरदार में नज़र आ रहे है। 
 

कहानी - फिल्म की कहानी दो दोस्त वरुण यानि ओमकार कपूर और करण यानि सनी सिंह की है, वरुण के पिता योगराज सिंह यानि ऋषि कपूर एक रिटायर्ड पुलिसवाले है जो पंजाब में रहते है। वरुण घर से ज़िद करके अपना करियर बनाने मॉरिशस आ जाता है जहाँ उसकी मुलाकात होती है रिया यानि निमिषा मेहता से, जहाँ वो उसे पाने के लिए अपने आपको अनाथ घोषित कर देता है और तरह तरह की कहानियां बनाकर सहानुभूति पाने लग जाता है। मुसीबत तब शुरू होती है जब वरुण का परिवार रिया के घर किरायेदार बनकर आ जाता है और वो अपने झूठ को छुपाने के लिए अपने दोस्त करण को रिया का पति बता देता है, मगर करण प्यार करता है रुचा से, जो अपनी प्रेमिका को पाने के लिए अपने भाई टॉमी पांडे यानि जिम्मी शेरगिल के लंदन में होने का झूठ बोलकर अपने आपको अमीर दिखाने की कोशिश करता है जबकि उसका भाई जालसाजी के केस में जेल में है, परेशानी तब आती है जब उसका भाई जेल से रिहा हो कर पहुँच जाता है मॉरिशस। एक के बाद एक झूठ की वजह से पुरे घर में खलबली मची रहती है जो कॉमेडी पैदा करती है खासकर जिम्मी के आने के बाद। 
 

निर्देशन - निर्देशक समीप कंग की यह फिल्म एक कंफ्यूज़न वाली कॉमेडी पैदा करती है जिसे निर्देशक ने इसे बहुत अच्छे से दिखाने की कोशिश की है। कॉमेडी के पंच बेहतर है और क्लाइमेक्स तो और मजेदार है। 
 

गीत संगीत - फिल्म में हनी सिंह और सिद्धांत महादेव का संगीत है जो इन दिनों म्यूजिकल चैट में खूब पॉपुलर हो रहा है खासकर सैटरडे नाईट सॉन्ग। 
एक्टिंग - ज्यादातर सभी कलाकारों ने सीटुएशनल एक्टिंग की है चाहे वो कॉमेडी हो या इमोशन, खासकर ऋषि कपूर, ओमकार कपूर और जिम्मी शेरगिल ने। ऋषि कपूर ने पूरी फिल्म में बेहतरीन अदाकारी की है, ऋषि कपूर के साथ राजेश शर्मा के जितने भी सीन स्क्रीन पर आते है दर्शको के चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है। जिम्मी शेरगिल के आते ही फिल्म में बेहतरीन कॉमेडी शुरू हो जाती है जिससे दर्शक अपने आपको बांधने में कामयाब होते है। निमिषा खूबसूरत लगी है। 
 

फिल्म की खास बात - ऋषि कपूर इन दिनों कैंसर से लड़ रहे है और लगभग जीत भी चुके है, यह उनकी बीमारी के दौरान बनी फिल्म है लेकिन उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं आती और यह एक अच्छे कलाकार की निशानी है, हल्की फुल्की कॉमेडी देखने वालो के लिए यह फिल्म इस सप्ताह का बेहतर ऑप्शन है।
 
"द लॉयन किंग" स्टार रेटिंग -

इसी के साथ हॉलीवुड निर्देशक जॉन फेवरो की एनीमेशन फिल्म "द लॉयन किंग" भी रिलीज़ हुई। यह फिल्म इंग्लिश के अलावा हिंदी, तमिल और तेलुगु में भी रिलीज हुई। 
कहानी - फिल्म की कहानी एक बहुत ही नेकदिल और बहादुर राजा मुफासा की है जो अपनी प्रजा के लिए सबकुछ करने के लिए तैयार है और वो चाहता है की उसके राज्य में सभी खुश रहे लेकिन अच्छे लोगो के साथ ज़रूरी नहीं की अच्छा ही हो, यही होता है उस राजा के साथ, उसका धूर्त भाई स्कार उसे धोखे से मारकर खुद राजा बन जाता है और पुरे जंगल में अमन और चैन ख़त्म हो जाता है। दुश्मनी यही खत्म नहीं होती, राजा के बेटे सिम्बा पर भी वो किसी को मारने का झूठा इल्ज़ाम लगाकर जंगल से भागने पर मजबूर कर देता है, लेकिन समय बीतता है अब सिम्बा बड़ा हो चुका है और वो अपने पिता की मौत का बदला लेने आ पहुँचता है उसी जंगल में। 
निर्देशन -  निर्देशक जॉन फेवरो की यह फिल्म लगभग 2 घंटे की है और निर्देशक ने इसमें कई हाई क्वालिटी के एनिमेटेड सीन डाले है जो दर्शको को बांधे रखते है खासकर बच्चों को। फ़िल्म की स्टोरी लाइन को बहुत सीधे साढ़े ढंग से दिखाया गया है लेकिन आकर्षण जबरदस्त है। 
फिल्म की खास बात - फिल्म की सबसे खास बात यह रही कि, मुफासा की आवाज़ को हिंदी में डब किया है शाहरुख़ खान ने और सिम्बा की आवाज़ को डब किया है आर्यन खान ने। जिन्होंने पिता और बेटे के किरदार को इमोशन से भर दिया है वही स्कार की आवाज़ को डब किया है आशीष विद्यार्थी ने और कठफोड़ें की आवाज़ असरानी के स्टाइल में बहुत मनोरंजन करती है तो श्रेयस तलपड़े और संजय मिश्रा की आवाज़ भी दर्शको को बांधे रखती है वो भी कभी मुम्बईयां स्टाइल और कभी भोजपुरी स्टाइल। 
दर्शकों की राय - "झूठा कहीं का" ठीक ठीक फिल्म है जिसे एक बार देखा जा सकता है वही "द लॉयन किंग" को देखने आये दर्शक ने कहा की मेरा बेटा बहुत दिनों से इस फिल्म को देखने के लिए मुझे तैयार कर रहा था यह फिल्म मुझे भी बहुत अच्छी लगी खासकर एनिमेटेड जानवरो की आवाज़ में शाहरुख़ खान और अन्य कलाकारों की आवाज़। 
कुल मिलाकर - "झूठा कही का" फिल्म का अगर ज्यादा प्रचार प्रसार किया होता तो दर्शक देखने पहुँच सकते थे क्योंकि इसमें कॉमेडी के पंच अच्छे है और इसका नेगेटिव पॉइंट यह है की यह फिल्म मल्टीप्लेक्स में एक दो शो में ही चल रही है। वही "द लॉयन किंग"  इस सप्ताह बच्चों के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन है फिल्म देखने का। इसे सिंगल और मल्टीप्लेक्स दोनों ही मिले है। 

सुनील पराशर 

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