भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा किसान उत्पीड़न के शिकार : अखिलेश

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा किसान उत्पीड़न के शिकार हुए हैं;

Update: 2020-11-05 23:46 GMT

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा किसान उत्पीड़न के शिकार हुए हैं। अखिलेश यादव ने गुरुवार को यहां अपने जारी बयान में कहा कि, "किसान की न तो फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिक रही है और नहीं उनका धान क्रय केन्द्रों से भुगतान हो रहा है। सिंचाई की दिक्कत अलग से है। दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज के त्यौहार नजदीक हैं, किसान परेशान हैं कि वह कैसे ये पर्व मनाएगा। भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा किसान उत्पीड़न के शिकार हुए हैं।"

उन्होंने कहा कि, "गन्ना किसानों को चीनी मिलें पिछले सत्र का भुगतान नहीं कर रही है। यूपी में भाजपा सरकार सिर्फ सख्ती से खोखले आदेश जारी करती है, कोई उनकी परवाह नहीं करता है।"

अखिलेश ने कहा कि, "सरकार धान की कागजी खरीद के आंकड़े पेश करती है। हकीकत यह है कि बहुत जगहों पर धान क्रय केंद्र खुले ही नही हैं। केंद्रों में अव्यवस्था है। किसान परेशान हैं न तो फसल की समय से तौल हो रही है और न ही भुगतान हो रहा है।"

सपा मुखिया ने कहा कि, "धान क्रय केंद्र किसान को साजिशन लौटाने का काम करते हैं, जिसका फायदा आसपास सक्रिय बिचौलिए या व्यापारी उठा रहे हैं। अब तो भाजपा विधायक भी धान क्रय केंद्रों में दलाली के आरोप लगाने लगे हैं। बिचौलिये और व्यापारी 9 सौ से 1 हजार रुपए में धान खरीद रहे हैं जबकि सरकारी निर्धारित रेट 1888 रुपए प्रति क्विंटल है। चीनी मिलों को नए पेराई सत्र से पहले पिछले बकाया का भुगतान करना था। भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री, कमिश्नर और डीएम ने आदेश दिए, बयान दिए पर किसान के हाथ सिर्फ मायूसी लगी है। प्रदेश की 9 चीनी मिलों पर 11 अरब 70 करोड़ 48 लाख रुपए का ही अभी भी बकाया है।"
 

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