अलवर में गौ तस्करी के सबसे ज्यादा मामले: कटारिया

 राजस्थान में पिछले तीन सालों में गौ-तस्करों और पुलिस के बीच 33 बार फायरिंग हुई और इसमें एक गौ तस्कर की मौत हो गई थी।;

Update: 2018-02-07 16:07 GMT

जयपुर। राजस्थान में पिछले तीन सालों में गौ-तस्करों और पुलिस के बीच 33 बार फायरिंग हुई और इसमें एक गौ तस्कर की मौत हो गई थी।

राज्य विधानसभा में आज गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सदस्य हीरालाल नागर के प्रश्न के जवाब में बताया कि वर्ष 2015 से वर्ष 2017 के बीच गौ-तस्करी के कुल 1 हजार 113 मामले दर्ज हुए थे जिसमें पुलिस ने 16 हजार 428 गौवंश बरामद किया और गौ-तस्करी में लिप्त 2198 लोगों को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि पुलिस अभी 931 मामलों में चालान पेश कर चुकी है,जबकि 122 मामलों में एफआर लगाई गई है जबकि वहीं 60 मामले लंबित है।

गृहमंत्री ने बताया कि प्रदेश में सबसे ज्यादा गौ-तस्करी के मामले अलवर जिले में दर्ज हुए है और अलवर में ही वर्ष 2017 में फायरिंग के दौरान एक गौ-तस्कर की मौत हो गई थी। इस दौरान 1051 वाहन जब्त भी किये गये।

विधानसभा में प्रस्तुत जवाब के अनुसार सन् 2015 में अलवर में 160 गौ-तस्करी के मामले दर्ज हुए। इस दौरान 909 गौवंश बरामद किया गया, जबकि 160 वाहन जब्त किए गए और गौ-तस्करी के आरोप में 226 लोगों को पकड़ा गया।

सन् 2016 में 117 गौ-तस्करी के मामले दर्ज हुए, 1043 गौवंश बरामद हुआ, 117 वाहन जब्त किए गए और 248 लोगों को पकड़ा गया जबकि 2017 में 94 मामले गौ-तस्करी के दर्ज हुए, 482 गौवंश बरामद हुआ, 94 वाहन जब्त कर 108 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

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