मोदी सरकार का 'निहित स्वार्थ' सीबीआई में जारी 'सत्ता संघर्ष' के लिए जिम्मेदार: कांग्रेस

कांग्रेस ने आज जांच एजेंसी सीबीआई की विश्वसनीयता और ईमानदारी पर सवाल उठने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को दोषी ठहराया;

Update: 2018-10-22 15:51 GMT

नई दिल्ली।  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज करने के बाद कांग्रेस ने आज जांच एजेंसी की विश्वसनीयता और ईमानदारी पर सवाल उठने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को दोषी ठहराया। 

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के भीतर के 'निहित स्वार्थ' सीबीआई में जारी 'सत्ता संघर्ष' के लिए जिम्मेदार हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, "सीबीआई में शीर्ष स्तर पर हो रहे सत्ता संघर्ष (पावर प्ले) और दोषारोपण का खेल बहुत खतरनाक है। सीबीआई के भीतर बहुत कुछ हो रहा है जो अवांछित है। बड़े पदों पर बैठे लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। सीबीआई के भीतर का यह आंतरिक युद्ध खतरनाक है।"

उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार के मामलों पर हम सीबीआई पर कैसे भरोसा कर सकते हैं जब उसके ही शीर्ष के लोग खुद ही भ्रष्टाचार में शामिल हैं। जब शीर्ष सीबीआई अधिकारी ही एक-दूसरे पर बड़े पैमाने के भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं तो इस सरकार की विश्वसनीयता व शुचिता और सीबीआई के निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कार्य करने पर कैसे भरोसा किया जा सकता है।"

पायलट ने कहा, "हमें लगता है कि सरकार और सीबीआई में मौजूद निहित स्वार्थो ने जांच एजेंसी को ऐसी स्थिति में ला खड़ा किया है। आज सीबीआई की विश्वसनीयता और ईमानदारी बड़े सवालों के घेरे में है।"

सीबीआई द्वारा रविवार को अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया गया। अस्थाना पर धनशोधन के कई मामले में आरोपी मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के एक मामले का निपटारा करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है।

इससे पहले अस्थाना ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ आईआरसीटीसी मामले में हस्तक्षेप करने की शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू यादव के परिजनों पर आरोप हैं।

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