मोदी सरकार वोट बैंक को अलग रखकर जनहित में फैसले करती है: अमित शाह
शाह ने नोटबंदी से विकास दर तथा औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ने का दावा करते हुये आज कहा कि मोदी सरकार नीतिगत निर्णयों को वोट बैंक से अलग रखकर जनहित में फैसले करती है;
नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने नोटबंदी से विकास दर तथा औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ने का दावा करते हुये आज कहा कि मोदी सरकार नीतिगत निर्णयों को वोट बैंक से अलग रखकर जनहित में फैसले करती है। उद्योग संगठन फिक्की द्वारा यहाँ आयोजित एक कार्यक्रम में शाह ने मोदी सरकार की तीन साल की उपलब्धियाँ गिनाते हुये कहा कि भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने कहा “इस दौरान सरकार ने कई ऐसे कदम उठाये हैं जिसके लिए उसे लोगों की नाराजगी और आलोचाना भी सहनी पड़ी है। मोदी सरकार लोगों को अच्छा लगे ऐसे काम करने की बजाय, लोगों के लिए जो अच्छे हों ऐसे काम करने में यकीन रखती है। वह नीतिगत निर्णयों को वोट बैंक से नहीं जोड़ती है। हमने ऐसे फैसले किये हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी हों।
नोटबंदी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।” भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ा है। नोटबंदी से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर बढ़ी है। मोदी सरकार के सत्ता सँभालते समय विकास दर 4.7 प्रतिशत थी जो अब 7.1 प्रतिशत पर पहुँच गयी है। हालाँकि, उन्होंने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 31 अगस्त को जारी कमजोर आँकड़ों को इससे अलग रखते हुये कहा “पिछली तिमाही को छोड़ दीजिये।
तकनीकी कारणों से इसमें विकास दर कम रही है।” उन्होंने कालाधन के मुद्दे पर पिछली सरकार को निशाना बनाते हुये कहा कि उसने मॉरिशस, सिंगापुर और साइप्रस से कालाधन अनैतिक तरीके से भारत लाने के लिए कुछ रास्ते बनाये थे। मौजूदा सरकार ने इन देशों के साथ ऐसे समझौतों को समय से पहले समाप्त करके उन अनैतिक रास्तों को बंद करने का काम किया है।