मोदी सरकार ने आमजन के साथ 'विश्वासघात' किया : कांग्रेस
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर रोजगार, बेहतर प्रशासन, किसानों को फसलों के उचित मूल्य, पेट्रोल व डीजल की कीमतों पर नियंत्रण,राष्ट्रीय सुरक्षा समेत मुद्दों पर देश की जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया;
नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुरुवार को मोदी सरकार पर रोजगार, बेहतर प्रशासन, किसानों को फसलों के उचित मूल्य, पेट्रोल व डीजल की कीमतों पर नियंत्रण, राष्ट्रीय सुरक्षा समेत तमाम मुद्दों पर देश की जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन(राजग) सरकार के चार वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिह सुरजेवाला ने कहा, "मोदी ने लोगों के दुख को समझे बिना ही अपने अभियानों व विज्ञापनों पर 4,600 करोड़ रुपये खर्च कर डाले।"
सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर सूट-बूट वाली सरकार होने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी के कार्यकाल में किसान और दलित दुखी हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि मोदी सरकार ने युवाओं के साथ विश्वासघात किया।
सुरजेवाला ने कहा, "लोगों को लगा था कि सरकार विदेशों में जमा काला धन लाएगी, बेहतर प्रशासन और राष्ट्रीय सुरक्षा देगी, किसानों के फसलों का अच्छा मूल्य मिलेगा। युवाओं को रोजगार मिलेगा और पेट्रोल व डीजल की कीमतों पर नियंत्रण होगा। लेकिन इन सभी मुद्दों पर जनता के साथ धोखा किया गया।"
सुरजेवाला ने मोदी सरकार के चार वर्षो की तुलना विश्वासघात, चालबाजी, बदले और झूठ से की। उन्होंने कहा कि ये चार शब्द मोदी सरकार के चार वर्ष को परिभाषित करते हैं।
कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा शासन में बेरोजगारी बढ़ गई है। पार्टी ने श्रम ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2016-17 में केवल 4.16 लाख नौकरियां पैदा हुईं, जबकि मोदी ने प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरियों के सृजन का वादा किया था।
गहलोत ने कहा, "किसी भी अन्य प्रधानमंत्री ने मोदी की तरह प्रधानमंत्री पद की गरिमा को इतना नहीं गिराया था।"
इस मौके पर पार्टी ने एक पुस्तिका भी जारी की, जिसका शीर्षक 'इंडिया बेट्राइड..इन फॉर इयर्स ऑफ बीजेपी मिसरुल' है, यानी चार वर्षो के भाजपा शासन में भारत के साथ विश्वासघात किया गया।
पार्टी ने कहा कि कृषि क्षेत्र अभी भी दबाव में है। बीते चार वर्षो में किसानों को उनके उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिला।
कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान चार वर्षो में कृषि विकास दर सबसे कम 1.9 प्रतिशत रही, जबकि कांग्रेस शासन में 2004-14 के दौरान कृषि विकास दर 4.2 प्रतिशत थी। कांग्रेस ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा सिर्फ जुमला है, क्योंकि संयुक्त वार्षिक विकास दर 2.5 प्रतिशत है, जबकि इसके लिए 10.4 प्रतिशत विकास दर की आवश्यकता है।
कांग्रेस ने कहा कि त्रासदी की बात यह है कि प्रत्येक 24 घंटे में 35 किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं और मोदी सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने से इंकार कर दिया है।
कांग्रेस ने कहा कि महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने 89 लाख किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन आधार लिंक्ड फॉर्म की आड़ में 30 लाख किसानों को इसका लाभ नहीं दिया गया। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में 11,700 किसानों का एक रुपये से 500 रुपये तक कर्ज माफ किया गया है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से कंपनियों को तो 14,828 करोड़ रुपये का लाभ हुआ, लेकिन किसानों को मात्र 5,650 करोड़ रुपये के भुगतान हुए।
भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई की एक रपट का जिक्र करते हुए कांग्रेस ने कहा कि ग्रामीण मजदूरी वृद्धि दर 2014 के 38 प्रतिशत से गिरकर 2018 में शून्य प्रतिशत हो गई है। मनरेगा का कार्यदिवस 2014 के 45 दिन से घटकर 2018 में 16.3 दिवस हो गया है और 2018 में मनरेगा की 99 प्रतिशत मजदूरी का भुगतान ही नहीं हुआ है।
कांग्रेस ने एचएसआर रिसर्च के एक आंकड़े का जिक्र करते हुए कहा कि आईटी सेक्टर में 56,000, जबकि टेलीकॉम सेक्टर में 90,000 छंटनी हुई है। पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया कि आईटी सेक्टर के लगभग सात लाख निम्न कुशल श्रमिक 2022 तक अपनी नौकरियां गंवाने के कंगार पर हैं।
कांग्रेस ने कहा कि मोदी ने 100 दिनों के भीतर 80 लाख करोड़ काला धन लाने और प्रत्येक भारतीय के बैंक खाते में 15-15 लाख रुपये जमा करने का वादा किया था, लेकिन यह वादा सफेद झूठ साबित हुआ।
कांग्रेस ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक अदालत ने 1,214 भारतीयों के नामों का खुलासा किया, जिनके काले धन कर पनाहगाहों -पनामा पेपर्स और पैराडाइज पेपर्स- में जमा हैं, लेकिन किसी एक भी करचोर की गिरफ्तारी नहीं हुई।