प्रवासी श्रमिको को मनरेगा में मिले रोजगार : कांग्रेस

कांग्रेस ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के मनरेगा के लिए घोषित राशि का स्वागत करते हुए कहा है कि मनरेगा की मजदूरी 300 रुपये करने के साथ ही घर लौट रहे श्रमिको को इसका लाभ दिया जाना चाहिए।;

Update: 2020-05-17 15:35 GMT

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के मनरेगा के लिए घोषित राशि का स्वागत करते हुए कहा है कि मनरेगा की मजदूरी 300 रुपये करने के साथ ही घर लौट रहे श्रमिको को इसका लाभ दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने रविवार को यहा संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लॉक डाउन के कारण गरीब की रोजी रोटी चली गयी है और प्रवासी श्रमिक गांव की तरफ लौट रहे है इसलिये प्रवासी मज़दूरों को भी गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारटी योजना- मनरेगा के तहत रोजगार मिलना चाहिए और मनरेगा दीहाड़ी 300 रुपये प्रति दिन की जानी चाहिए। श्रीमती सितारमण ने मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये देने की आज घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने आज स्वीकार किया है कि लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित शहरी गरीब और प्रवासी श्रमिक हुए है। उनका कहना था कि इनकी स्थिति को समझते हुए सरकार को इन लोगो की जेब मे पैसा डाल कर उनकी वित्तीय क्षमता बढ़ानी चाहिए।

श्री शर्मा ने कहा कि गांव में गरीब महिलाए लॉक डाऊन से परेशान है। उनके जनधन खाते में 500 रुपये डाले गए है लेकिन जनधन खाते सिर्फ 21 फीसदी महिलाओ के है इसलिए मनरेगा से गरीब महिलाओ को पैसा दिया जाना चाहिए और उन सबकी मदद होनी चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि सरकार जिसे पैकेज बात रही है, सही मायने में वह पैकेज नही है और ना ही वह जीडीपी का 10 फीसदी है, जैसा कि सरकार दावा कर रही है। यह लोगो को तत्काल लाभ देने वाला आर्थिक पैकेज नही बल्कि अर्थव्यस्था बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता है और यह जीडीपी का 10 नहीं बल्कि करीब तीन फीसदी है।
 

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