दलित महिला के अंतिम संस्कार के मामले में मायावती ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

उत्तर प्रदेश के आगरा में अंतिम संस्कार के दौरान दलित महिला के शव को उच्च वर्ग के लोगों के शमशान घाट से हटाने का मामला अब गरमाने लगा है।;

Update: 2020-07-28 12:52 GMT

लखनऊ | उत्तर प्रदेश के आगरा में अंतिम संस्कार के दौरान दलित महिला के शव को उच्च वर्ग के लोगों के शमशान घाट से हटाने का मामला अब गरमाने लगा है। इसे लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने जमकर हमला बोला है। उन्होंने इस मामले में उप्र सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है। मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया, "उप्र में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहां के जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्ग के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान-घाट उच्च वर्ग का था। यह अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी है। इस जातिवादी घृणित मामले की यूपी सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना की फि र से पुनरावृति ना हो सके, बीएसपी की यह पुरजोर मांग है।"

उन्होंने आगे लिखा, "मध्यप्रदेश के दलित परिवार में जन्मे दिल्ली के एक डाक्टर की कोरोना से हुई मौत अति-दु:खद। दिल्ली सरकार को भी अपनी जातिवादी मानसिकता को त्यागकर उसके परिवार की पूरी आर्थिक मदद जरूर करनी चाहिये, जिन्होंने कर्जा लेकर उसे डाक्टरी की पढ़ाई कराई।"

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में एक दलित महिला के शव को लोगों ने करीब सप्ताह भर पहले चिता से उठवा दिया। परिवार वालों ने गांव के बाहर एक शमशान में अंतिम संस्कार की तैयारी की, लेकिन कुछ दबंगों ने वहां पहुंचकर शव को चिता से उठवा दिया। उन्होंने कहा कि शमशान घाट उनका है, दलित यहां अंतिम संस्कार नहीं कर सकते।

इसके बाद पीड़ित परिवार ने दूसरे श्मशान में जाकर अंतिम संस्कार किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस घटना के एक सप्ताह बाद पुलिस सक्रिय हुई है। अछनेरा तहसील के रायभा गांव में नट जाति के लोग रहते हैं। काफी समय से यहां शमशान की जमीन को लेकर गांव के कुछ लोगों से उनका विवाद है। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सीओ अछनेरा को इस मामले की जांच सौंपी गई है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 

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