बिहार : महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने को लेकर मांझी बोले, राजद रवैया बदले

इस चुनावी वर्ष में विपक्षी दलों के महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने को लेकर फिर से तकरार शुरू हो गई है।;

Update: 2020-03-17 18:55 GMT

पटना | इस चुनावी वर्ष में विपक्षी दलों के महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने को लेकर फिर से तकरार शुरू हो गई है। महागठबंधन के घटक दल हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तो चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मार्च तक समन्वय समिति नहीं बनती है, तो अलग रास्ता अख्तियार करंेगे। पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने मंगलवार को कहा कि समन्वय समिति में सभी दल अपनी बात रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रजातंत्र है, कोई तानाशाही करना चाहेगा तो सही नहीं है।

उन्होंने कहा, "राजद महागठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में जरूर है, लेकिन वह बड़े भाई की भूमिका निभा नहीं पा रहा है। ऐसी ही स्थिति रही तो महागठबंधन के घटक दल मार्च के बाद कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।"

मांझी ने महागठबंधन में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के उस बयान पर भी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि महागठबंधन के नेता केवल लालू प्रसाद यादव हैं और जिसे यह स्वीकर नहीं है, वे बाहर जा सकते हैं।

मांझी ने कहा, "लालू प्रसाद बड़े नेता हैं, परंतु उनकी बात मान ही ली जाए, यह सही नहीं। समिति में सभी अपने विचार रखेंगे, जो तय होगा। महागठबंधन में शामिल दल के नेता एकबार फिर से लालू प्रसाद से मिलकर इन बातों की जानकारी देने का प्रयास करेंगे।"

मांझी ने हालांकि यह भी स्पष्ट कहा, "मैं महागठबंधन में राजद का मित्र हूं और इस हैसियत से उनकी गलती बताता रहता हूं। इसमें कोई बुराई नहीं है।"

महागठबंधन में समन्वय समिति को लेकर मांझी ने कहा, "समन्वय समिति का गठन हो और चाहे महागठबंधन का नेतृत्व हो, मुख्यमंत्री उम्मीदवार हो या आंदोलन, कोई भी फैसला सबकी सहमति से हो। लेकिन राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह कहते हैं कि लालू यादव ही महागठबंधन के नेता हैं और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री उम्मीदवार। वे यह भी कहते हैं कि जिसे यह स्वीकार नहीं हो, वह महागठबंधन से बाहर जा सकता है।"

मांझी ने स्पष्ट कहा, "राजद नेतृत्व को इस रवैये में बदलाव करना होगा। अगर यही रवैया रहा तो मार्च के बाद घटक दल विकल्प तलाशने को मजबूर हो जाएंगे।"
 

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