ममता, केजरीवाल, हेमंत सोरेन की प्रधानमंत्री पर टिप्पणी संघात्मक मर्यादा के विपरीत : सुशील
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट के समय मुख्यमंत्रियों से सीधे बात कर संघात्मक भावना से काम करने की मिसाल पेश की है;
पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट के समय मुख्यमंत्रियों से सीधे बात कर संघात्मक भावना से काम करने की मिसाल पेश की है, जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पर लगातार आघात कर रहे हैं।
श्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण से निपटने में सबका सहयोग पाने के लिए पहले चरण में 120 बार विभिन्न देशों के शासन-प्रमुखों से बात की, जिससे आज भारत को अमेरिका, ब्रिटेन सहित 40 देशों से आक्सीजन कंस्टेटर्स, वेंटीलेटर , रेमडेसिविर इंजेक्शन और वैक्सीन मिल रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कम से कम 12 बार राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सीधे बात कर संकट के समय संघात्मक भावना से काम करने की मिसाल पेश की, जबकि ममता बनर्जी, केजरीवाल और हेमंत सोरेन इस पर लगातार आघात कर रहे हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मुख्यमंत्रियों से संवाद के दौरान एक बार श्री अरविंद केजरीवाल ने बातचीत का वीडियो टीवी चैनलों पर लाइव चलाने की कोशिश की और दूसरी बार श्री हेमंत सोरेन ने ओछी टिप्पणी कर मर्यादा का हनन किया। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे दो व्यक्तियों ने जो आचरण किया, वह निंदनीय है और इसके लिए श्री सोरेन को माफी मांगनी चाहिए।
श्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल(राजद) ने चुप्पी साध कर आपदा में राजनीति करने की प्रवृत्ति का साथ दिया, क्योंकि ये दल खुद इसी राह पर हैं। उन्होंने कहा कि श्री हेमंत सोरेन को आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की यह सलाह उचित है कि कोरोना संकट का समय किसी पर उंगली उठाने का नहीं, लोगों की सेवा करने का है। जो लोग सार्वजनिक जीवन में मर्यादा के पक्ष में हैं, उन्हें श्री रेड्डी का समर्थन करना चाहिए।