माही ने फिर मनवाया अपना लोहा
चेन्नई सुपरकिंग्स दो साल के निलंबन के बाद जब आईपीएल-11 में लौट रहे थे तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि यह टीम खिताब जीत पाएगी;
मुंबई। चेन्नई सुपरकिंग्स दो साल के निलंबन के बाद जब आईपीएल-11 में लौट रहे थे तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि यह टीम खिताब जीत पाएगी। लेकिन चेन्नई टीम के मास्टरमाइंड महेंद्र सिंह धोनी उर्फ माही ने अनहोनी को होनी कर दिखाया। धोनी चेन्नई के निलंबन के दौरान दो साल राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स टीम की तरफ से खेले थे।
पहले वर्ष उन्हें कप्तान बनाया गया था, लेकिन दूसरे वर्ष उनसे कप्तानी छीनकर ऑस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ को पुणे की कप्तानी दी गई थी। चेन्नई ने निलंबन से लौटने के बाद सबसे पहला काम यही किया कि धोनी को रिटेन किया जाए और उन्हें फिर से कप्तान बनाया जाए। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर धोनी ने टीम की कप्तानी संभाली और उसे विजेता बनाकर ही दम लिया। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल में धोनी हर लिहाज से अपने विपक्षी कप्तान केन विलियम्सन पर भारी पड़े।
धोनी हालांकि लक्ष्य का पीछा करते हुए बल्लेबाजी करने नहीं उतरे लेकिन उनकी रणनीति हर जगह साफ नज़र आई। हैदराबाद ने छह विकेट पर 178 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया और जिस तरह की बेहतरीन गेंदबाजी विलियम्सन के पास थी उसे देखते हुए चेन्नई के लिए लक्ष्य का पीछा करना बहुत मुश्किल माना जा रहा था। भुवनेश्वर कुमार का पहला ओवर मेडन पड़ा और पांच ओवर तक चेन्नई का स्कोर 20 रन था। इस समय तक सभी यह मान रहे थे कि चेन्नई के लिए राह मुश्किल हो रही है, लेकिन यहीं से धोनी की रणनीति सबके सामने आ गई।
धोनी का प्लान साफ था कि हैदराबाद के सबसे खतरनाक और सटीक गेंदबाज भुवनेश्वर के शुरुआती ओवरों को निकाल लिया जाए। इस मैच में नाबाद मैच विजयी शतक बनाने वाले शेन वॉटसन ने भुवनेश्वर को काफी सावधानी के साथ खेला। पिछले मुकाबले में भुवनेश्वर ने वॉटसन को खाता खोलने का मौका दिए बिना पांच गेंदों में आउट कर दिया था।
वॉटसन जानते थे कि उन्हें भुवनेश्वर के ओवरों को निकालना है। विलियम्सन ने भी दबाव देखते हुए भुवनेश्वर से पहले स्पैल में तीन ओवर करा डाले। यानि इसके बाद भुवनेश्वर के पास डैथ ओवरों के लिए सिर्फ एक ओवर बाकी रह गया था। आठवें ओवर में विलियम्सन ने अपने तुरूप के पत्ते अफगानी लेग स्पिनर राशिद खान को आक्रमण पर लगाया, लेकिन वॉटसन और सुरेश रैना ने राशिद के पहले ओवर में सिर्फ छह सिंगल लिए। यहां धोनी की रणनीति साफ हो गई थी कि उनके बल्लेबाजों को भुवनेश्वर और राशिद से सतर्क रहना है।