मुंबई पुलिस ने जरांगे को प्रदर्शन स्थल खाली करने का दिया नोटिस

मुंबई पुलिस ने मराठा आरक्षण आंदोलन की अगुवाई कर रहे मनोज जरांगे पाटिल और उनके समर्थकों को औपचारिक नोटिस जारी कर तुरंत आजाद मैदान खाली करने का निर्देश दिया है। मंगलवार को उनकी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पांचवें दिन में प्रवेश कर गयी है;

Update: 2025-09-02 09:10 GMT

मनोज जरांगे पाटिल को मुंबई पुलिस ने आजाद मैदान खाली करने का दिया निर्देश, भेजा नोटिस

मुंबई। मुंबई पुलिस ने मराठा आरक्षण आंदोलन की अगुवाई कर रहे मनोज जरांगे पाटिल और उनके समर्थकों को औपचारिक नोटिस जारी कर तुरंत आजाद मैदान खाली करने का निर्देश दिया है। मंगलवार को उनकी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पांचवें दिन में प्रवेश कर गयी है।

पुलिस ने आंदोलन के लिए पूर्व-निर्धारित शर्तों के कई उल्लंघन का हवाला देते हुए प्रदर्शन की अनुमति बढ़ाने से इनकार कर दिया है। पुलिस ने कहा कि जहां 5,000 प्रदर्शनकारियों की अनुमति दी गई थी, वहां महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से 40,000 से अधिक प्रदर्शनकारी आ गए। प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण मुंबई की सड़कों को बाधित किया और संपर्क मार्गों पर 5,000 से अधिक गाड़ियां पार्क की हैं इससे क्षेत्र में कई जगह यातायात बाधित हुआ है।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर खाना बनाकर, सार्वजनिक स्थानों पर नहाकर, नाचकर और क्रिकेट खेल कर कई शर्तों का उल्लंघन किया है। प्रदर्शन की वजह से चारों ओर पूरी तरह अव्यवस्था फैल गई, जिससे दक्षिण मुंबई में स्थानीय व्यापारियों की साप्ताहिक बिक्री प्रभावित हुयी और सीएसएमटी स्टेशन तथा मरीन ड्राइव क्षेत्र में यातायात बाधित हुआ।

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सोमवार को अपने आदेश में प्रदर्शनकारियों को मंगलवार शाम चार बजे तक सभी सड़कें खाली करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने यह टिप्पणी भी की थी कि आंदोलन के कारण मुंबई ठप हो गयी है। अदालत ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन शुरू होने से पहले तय की गई सभी पूर्व-आंदोलन शर्तों का उल्लंघन किया है।

इस बीच न्यायालय के आदेश और पुलिस नोटिस के बावजूद, जरांगे पाटिल ने अपनी माँगें पूरी न होने तक अपना अनशन जारी रखने की बात कही है। वह आरक्षण लाभ के लिए ओबीसी श्रेणी के तहत सभी मराठों को कुनबी का दर्जा देने और मराठों को कुनबी घोषित करने के लिए ऐतिहासिक गजेटियर लागू करने की माँग कर रहे हैं।

सूत्रों ने इस बात का संकेत दिया है कि महाराष्ट्र सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक समझौता मसौदा तैयार कर रही है। मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल की अगुवाई में मंत्रिमंडल की एक उपसमिति ने मराठाें को आरक्षण लाभ देने के लिए हैदराबाद राजपत्र को लागू करने हेतु एक मसौदा प्रस्ताव तैयार किया है।

जरांगे अपनी बात पर अड़े हैं कि वह तब तक अपना अनशन नहीं तोड़गें जब तक सरकार ओबीसी कोटे में मराठा आरक्षण को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं दे देती। शहर की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और इसका तत्काल कोई समाधान नहीं दिख रहा है, क्योंकि सरकार राज्य में आगामी नगरीय निकाय चुनावों से पहले कानूनी बाधाओं और राजनीतिक दबावों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास कर रही है।

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