बीएमसी चुनावों से पहले भाजपा को तगड़ा झटका, रामदास अठावले ने महायुति से वापस लिया समर्थन, सीट-बंटवारे को लेकर विश्वासघात का लगाया आरोप
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले गुट) ने महाराष्ट्र में सत्ताधारी महायुति गठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया है और आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों के लिए अपने 39 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है;
अठावले गुट ने महायुति से वापस लिया समर्थन, बीएमसी चुनावों के लिए 39 उम्मीदवारों की घोषणा की
मुंबई। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले गुट) ने महाराष्ट्र में सत्ताधारी महायुति गठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया है और आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों के लिए अपने 39 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। आरपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास अठावले ने गठबंधन के सहयोगियों खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ बोलते हुए उन पर सीट-बंटवारे व्यवस्था को लेकर विश्वासघात का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि महायुति के गठन के बाद से ही उसके साथ मजबूती और ईमानदारी से खड़े होने के बावजूद जिस तरह से सीटों का बंटवारा किया गया, वह विश्वास तोड़ने जैसा था।
अठावले ने कहा, "कल शाम चार बजे बातचीत के लिए एक बैठक तय थी, लेकिन गठबंधन सहयोगियों ने उस वादे को भी पूरा नहीं किया। यह सिर्फ़ समय की बर्बादी नहीं थी, बल्कि हमारी आत्म सम्मान पर हमला था।"
उन्होंने कहा कि मुंबई निगम चुनाव नजदीक हैं, इसलिए मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की बेइज्ज़ती बर्दाश्त नहीं करूंगा। हालांकि यह साफ़ नहीं है कि पार्टी का अकेले चुनाव लड़ने का फ़ैसला सिर्फ़ मुंबई नगर निगम चुनाव तक ही है या इसे महाराष्ट्र के दूसरे नगर निगम चुनावों तक भी बढ़ाया जाएगा।
इस बीच, पुणे में आरपीआई कार्यकर्ताओं ने भाजपा के ख़िलाफ़ नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि भाजपा ने पार्टी नेताओं से सलाह किए बिना अपने उम्मीदवार तय कर दिए और आरपीआई उम्मीदवारों पर पार्टी के चुनाव चिन्ह्न के बजाय भाजपा के कमल चिन्ह्न पर चुनाव लड़ने का दबाव डाला।
भाजपा को पहले ही कई चुनाव क्षेत्रों में शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) (अजीत पवार गुट) जैसे अपने सहयोगियों से नाराज़गी का सामना करना पड़ा है।