श्रवण साहू हत्याकांड मामले में न्यायालय ने सीबीआई से 10 दिन में मांगा स्पष्टीकरण

लखनऊ ! श्रवण साहू हत्याकांड मामले में जांच के लिए पूरा मामला केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भेजने तथा परिवार और गवाहों को 24 घंटे सुरक्षा दिलाये जाने की मांग;

Update: 2017-02-23 00:05 GMT

लखनऊ !   श्रवण साहू हत्याकांड मामले में जांच के लिए पूरा मामला केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भेजने तथा परिवार और गवाहों को 24 घंटे सुरक्षा दिलाये जाने की मांग को लेकर श्रवण साहू की पत्नी निर्मला साहू ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। 
उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने इस मामले में सीबीआई के वकील से 10 दिन में जानकारी तलब की है। अदालत ने श्रवण साहू के परिवार और गवाहों को पूरे मामले की सुनवाई तक 24 घण्टे सुरक्षा दिए जाने के भी आदेश दिए हैं। 
न्यायमूर्ति अजय लाम्बा और न्यायमूर्ति विजयलक्ष्मी की खंडपीठ ने मृतक श्रवण साहू की पत्नी श्रीमती निर्मला साहू की ओर दायर याचिका पर आज यह आदेश दिए । 
सुनवाई के समय न्यायालय से कहा गया कि राज्य सरकार ने इस मामले की सीबीआई जाँच की सिफारिश कर दी है और पूरे मामले को जाँच के लिए सीबीआई को भेजा जाए। याची की ओर से अदालत से कहा गया कि अभी भी पूरे परिवार और गवाहों को 24 घण्टे की समुचित सुरक्षा नहीं दी गई हैं। अदालत से मांग की गई की जाँच पूरी होने तथा पूरे केस की सुनवाई होने तक 24 घण्टे की सुरक्षा दी जाये । 
अधिवक्ता ने याचिका की सुनवाई के समय कहा कि पहले श्रवण साहू के बेटे आयुष शाहू की हत्या कर दी गई थी और बाद में बेटे की हत्या की पैरवी कर रहे श्रवण साहू को कई बार जान से मारने की धमकी दी गई थी लेकिन पुलिस प्रशासन ने श्री साहू और उनके परिवार को कोई सुरक्षा मुहैया नहीं करायी। सुरक्षा नहीं दिये जाने के कारण गत एक फरवरी की रात श्रवण साहू की भी हत्या कर दी गई। याचिका में आरोप लगाया गया कि श्रवण शाहू की हत्या के बाद भी परिवार को समुचित सुरक्षा नहीं दी गई। 
गौरतलब है कि श्रवण साहू के पुत्र आयुष साहू की 16 अक्टूबर 2013 को बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी । कहा गया कि श्रवण साहू को हत्या के लगभग एक माह पहले जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। इस बात की एफआईआर भी श्रवण साहू ने दर्ज कराई थी। श्रवण साहू ने अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए कई बार पुलिस और प्रशासन से गुहार लगाई थी लेकिन पुलिस ने कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई। गत एक फरवरी को आरोपियों ने श्रवण साहू की भी गोली मार कर हत्या कर दी थी। कहा गया कि मांगने के बाद भी उनको कोई असलहा लाइसेंस नहीं स्वीकृत किया गया था। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि पहले ही सुरक्षा दी जा चुकी है। सीबीआई की ओर से अधिवक्ता रिशाद मुर्तजा अदालत में उपस्थित हुए। 

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