हिमाचल के शेष छह जिलों में भी जल्द नियुक्त होंगे लोकायुक्त : जयराम
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि मनरेगा कार्य में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के विभाग ने एक सुरक्षित साॅफ्टवेयर लागू करने के साथ गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ (सेल) भी स्थापित किया है;
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि मनरेगा कार्य में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के विभाग ने एक सुरक्षित साॅफ्टवेयर लागू करने के साथ गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ (सेल) भी स्थापित किया है।
श्री ठाकुर ने आज यहां ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते कहा कि प्रकोष्ठ के तहत छह जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सोलन में लोकपाल नियुक्त कर दिये गये हैं तथा शेष बचे छह जिलों में भी ये नियुक्तियां की जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इच्छुक बेरोजगार ग्रामीणों को मनरेगा के अंतर्गत अपनी भूमि में कार्य करने की स्वीकृति प्रदान की है। ये कार्य ग्राम सभा द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की शेल्फ में शामिल न होने पर भी किए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वित्त वर्ष के दौरान 260 लाख कार्य दिवसों का सृजन कर कुल 859 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की गई जबकि इस वित्त वर्ष अभी तक मनरेगा के अंतर्गत 54 करोड़ रुपये खर्च कर 22 लाख कार्य दिवस सृजित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग ने भी मनरेगा के अंतर्गत बनी लोक निर्माण विभाग की सड़कों और जल शक्ति विभाग के ट्रैंचेज़ के रख-रखाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत शत-प्रतिशत कार्य सीधे हंस्तातरण (डीबीटी) के माध्यम किये जा रहे हैं। कार्य स्थल पर मनरेगा कार्यकर्ताओं को घर में निर्मित फेस कवर, साबुन और जल आदि प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि भवन और अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत 12,835 मनरेगा कार्यकर्ताओं ने 90 दिन का कार्य पूर्ण किया है।
श्री ठाकुर ने कहा कि विभाग गुणवत्ता और सुधार लाने के लिए इच्छुक ग्रामीण राज-मिस्त्रियों को प्रशिक्षित करने की भी योजना बना रहा है और सड़कों के किनारे सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शिमला, सोलन, सिरमौर और ऊना जिलों के लिए एक-एक करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है।