मोदी सरकार पर हमला करने के लिए गढ़े जा रहे हैं 'झूठ' : जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को विपक्षी दलों पर और खासतौर से कांग्रेस और वामपंथी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक प्रणाली में 'कंपलसिव कंट्रैरियंस (अनिवार्य विरोधी)' उभर आएं हैं;

Update: 2019-01-18 01:37 GMT

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को विपक्षी दलों पर और खासतौर से कांग्रेस और वामपंथी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक प्रणाली में 'कंपलसिव कंट्रैरियंस (अनिवार्य विरोधी)' उभर आएं हैं, जो नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करने के लिए 'झूठ' गढ़ते हैं। 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि स्वायत्तता के नाम पर अर्थव्यवस्था के धन की चोरी करने के लिए अभियान चलाने का अधिकार, संस्थानिक स्वतंत्रता के नाम पर भ्रष्टाचार को सही ठहराने, जब मनमुताबिक फैसला ना आए तो न्यायाधीशों की आलोचना करना, न्यायाधीश लोया की मौत के मामले में तथ्य गढ़ना और राफेल सौदे के मामले में तथ्य गढ़ना इन अनिवार्य विरोधियों की मानसिकता को दर्शाता है। 

उन्होंने कहा, "राजनीतिक प्रणाली में कुछ लोग हैं, जो समझते हैं कि वे राज करने के लिए पैदा हुए हैं। इनमें वो भी शामिल हैं जो सत्ता में प्रभावशाली पदों पर घुस गए हैं और वो सरकार की परवाह नहीं करते हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "इनमें से कुछ वाम विचारधारा और घोर-वाम विचारधारा से प्रभावित है, जिनके लिए नई सरकार बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है, इसलिए अनिवार्य विरोधियों का एक नया वर्ग पैदा हो गया है।"

मंत्री ने कहा कि ये लोग लोकप्रिय राय का विरोध करते हैं और मानते हैं कि सरकार कुछ अच्छा कर ही नहीं सकती और इसके हर कदम का विरोध किया जाना चाहिए। 

जेटली ने कहा, "उन्होंने गरीबों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने में भी गलतियां ढूंढ निकाली। काले धन के खिलाफ उठाए गए कदमों को 'कर आतंकवाद' का नाम दे दिया।"

उन्होंने कहा, "इस देश को तोड़ने के जो नारे लगाए गए, उसके ये अभिव्यक्ति के अधिकार के तहत समर्थन करते हैं। सेना द्वारा चलाए गए सफल अभियान पर ये सवाल उठाते हैं।"

जेटली ने कहा, "इन अनिवार्य विरोधियों को झूठ गढ़ने का कोई पछतावा भी नहीं है।"

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