कर्नाटक में विधायकों ने ली विधानसभा की सदस्यता की शपथ
कर्नाटक विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों ने आज सदन की सदस्यता की शपथ ली;
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों ने आज सदन की सदस्यता की शपथ ली।
कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों की गैर मौजूदगी में विधानसभा के अध्यक्ष वी हेगड़े कागेरी ने भारतीय जनता पार्टी के 12 एवं एक निर्दलीय विधायक को सदन की सदस्यता की शपथ दिलायी।
जिन विधायकों को शपथ दिलाई गई उनमें एस टी सोमशेखर, बी बासवराज, के गोपालैय्या, रमेश जर्किहाेली, उमेश कुमातल्ली, श्रीमंत पाटिल, आनंद सिंह, डा. के सुधाकर, नारायण गौडा, शिवराम हेब्बर, बी सी पाटिल एंव अरुण कुमार तथा निर्दलीय शरत बाचेगौडा शामिल हैं।
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अयोग्य ठहराये गये 15 विधायकों में से 11 फिर से उपचुनावों में जीत हासिल की है। गत पांच दिसंबर को हुए उपचुनाव में पूर्व मंत्री एम टी बी नागराज और एच विश्वनाथ को हार का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि कांग्रेस और जनता दल (एस) के 17 विधायकों के इस्तीफे के कारण एच डी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार गिर गयी थी और 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में नयी सरकार का गठन हुआ था।
अब 12 विधायकों के चुने जाने के बाद 224 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ भाजपा की संख्या बढ़कर 117 हो गयी है तथा उसके पास अब स्पष्ट बहुमत है।
गौरतलब है कि येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सरकार के लिए अग्नि परीक्षा के रूप में देखे जा रहे राज्य विधानसभा की 15 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने नौ दिसंबर को शानदार प्रदर्शन करते हुए 12 सीटें जीतकर कांग्रेस और अन्य दलों का लगभग सफाया करने के साथ ही स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया था। कांग्रेस की झोली में केवल दो सीटें गयी हैं जबकि जनता दल (एस) का खाता भी नहीं खुल पाया।
एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के पतन के बाद श्री येदियुरप्पा ने इस वर्ष 26 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इन उपचुनावों में येदियुरप्पा को अपनी सरकार के लिए साधारण बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम छह सीटों को जीतने की जरूरत थी। भाजपा ने उपचुनाव में बड़ी सफलता हासिल कर राज्य में स्थायी बहुमत वाली सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त कर लिया। यह उपचुनाव कर्नाटक विधानसभा के 15 अयोग्य ठहराए गए विधायकों के राजनीतिक भाग्य के लिए भी निर्णायक था। श्री येदियुरप्पा ने जीतने वाले विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह देने का वादा किया है। पार्टी हाईकमान से हालांकि अभी इसकी मंजूरी लेनी होगी।
इस बीच कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और दिनेश गुंडु राव ने उप चुनाव में कांग्रेस की करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए क्रमश: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पदों से इस्तीफा तक दे दिया।