आज से शुरु होगा मजदूरों का महापड़ाव

मोदी सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर के 10 प्रमुख मजदूर संगठनों का तीन दिवसीय महापड़ाव आज से राजधानी में शुरु हो रहा है, जो 11 नवम्बर तक चलेगा;

Update: 2017-11-08 20:55 GMT

नई दिल्ली। मोदी सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर के 10 प्रमुख मजदूर संगठनों का तीन दिवसीय महापड़ाव आज से राजधानी में शुरु हो रहा है, जो 11 नवम्बर तक चलेगा। इस आंदोलन में संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर शेष सभी संगठन साथ हैं। संसद मार्ग पर होने वाले इस महापड़ाव में पहली बार मजदूर संगठनों ने अपनी मांगों में किसानों के मुद्दों को भी शामिल किया है, इसीलिए किसान संगठनों ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है। यह अपनी तरह की एक अलग राजनैतिक शुरुआत मानी जा सकती है। पत्रकार संगठन डीयूजे और एनएजे ने भी इस महापड़ाव को अपना समर्थन दिया है।

श्रमिक संगठन जिन 12 सूत्रीय मांगों को लेकर महापड़ाव करने जा रहे हैं, उनमें न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए करने, निजीकरण रोकने, महंगाई पर रोक लगाने, किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य देने, किसानों की कर्जमाफी, श्रम कानूनों में होने वाले बदलाव पर रोक लगाने, ठेका मजदूरों को भी श्रम कानूनों का लाभ देने जैसी मांग शामिल हैं। महापड़ाव में हिस्सा लेने देशभर से मजदूर दिल्ली आ रहे हैं, दूर से आने वाले मजदूरों को रोकने के लिए भी मजदूर संगठनों ने व्यवस्था की है। श्रमिक संगठनों की जिस तरह की तैयारी है, उसे देखकर कहा जा सकता है, कि दिल्ली कई जगह जाम हो सकती है। संसद मार्ग पर पांच हजार लोगों की व्यवस्था की जा सकती है, पर यहां आने वाले मजदूर कई गुना होंगे। राजधानी दिल्ली में तीन दिन तक रुकने वाले मजदूरों की संख्या भी अच्छी खासी रहने की उम्मीद है। इसमें राजधानी और एनसीआर के मजदूरों के भी बड़ी संख्या में हिस्सा लेने की संभावना है।   

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