मालवीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बड़े उदाहरण : रामबहादुर

पंडित मदन मोहन मालवीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बड़े उदाहरण हैं, उन्होंने देश में शिक्षा के क्षेत्र में जो किया वह बहुत कम लोग कर पाते हैं;

Update: 2018-12-26 14:06 GMT

गाजियाबाद। पंडित मदन मोहन मालवीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बड़े उदाहरण हैं। उन्होंने देश में शिक्षा के क्षेत्र में जो किया वह बहुत कम लोग कर पाते हैं। वरिष्ठ पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय ने मंगलवार को  यह बात कही। वह  वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के ऑडिटोरियम में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती पर आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। 

समारोह में  जनसत्ता के कार्यकारी संपादक मुकेश भारद्वाज एवं टीवी चैनल के एग्जीक्यूटिव एडीटर व मशहूर एंकर सईद अंसारी समेत कुल छह पत्रकारों को सम्मानित किया गया। मुकेश एवं सईद को पत्रकार भूषण सम्मान दिया गया जबकि पत्रकार   नीरज झा,  सौरभ पांडेय, विनीत कुमार और नितेश सिन्हा को पत्रकार गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।  मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने पत्रकारों को सम्मानित किया।

डॉ. गदिया ने कहा कि मालवीय जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी, पत्रकार, वकील, गायक, कथा वाचक, देशभक्त व युगदृष्टा थे। देश में प्रोफेशनल्स तैयार हो सकें इसके लिएउन्होंने  बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी की स्थापना की । मुकेश भारद्वाज ने कहा कि शासक आते-जाते रहते हैं। लेकिन प्रजा हमेशा रहती है। मालवीय जी ने जो काम किये, जो आदर्श स्थापित किये, उन्हें हम अपने जीवन में उतारें। सईद अंसारी ने कहा कि हम पुरानी सनातन परम्परा की ओर लौट रहे हैं, यह एक शुभ संकेत है। इससे पूर्व समारोह की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। जूही व नेहा ने मालवीय जी के जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला। सफल संचालन अमित पाराशर ने किया। 

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