लालू लाल है बिहार का, जन्म-जन्मांतर तक इस मिट्टी का रखवाला बनूंगा: लालू प्रसाद यादव
चर्चित चारा घोटाले के एक मामले में साढ़े तीन साल जेल की सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सोमवार को अपने 'ट्विटर हैंडल' से एक कविता के सहारे विरोधियों पर इशारों ही इशारों;
पटना। चर्चित चारा घोटाले के एक मामले में साढ़े तीन साल जेल की सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को अपने 'ट्विटर हैंडल' से एक कविता के सहारे विरोधियों पर इशारों ही इशारों में निशाना साधा है। लालू ने खुद को 'बिहार का बेटा' बताते हुए कहा कि वह जब तक रहेंगे इस मिट्टी की सेवा करते रहेंगे। उन्होंने इस दौरान खुद को 'हिमालय' की विशालता से भी जोड़ा।
लालू ने कविता की शैली में ट्वीट किया, "रौंदोगे तो हिमाला बनूंगा, विष दोगे तो शिवाला बनूंगा। उधेड़ोगे तो दोशाला बनूंगा, जलाओगे तो उजाला बनूंगा। दफनाओगे तो निवाला बनूंगा। लालू लाल है बिहार का, जन्म-जन्मांतर तक इस मिट्टी का रखवाला बनूंगा।"
रौंदोगे तो हिमाला बनूँगा
विष दोगे तो शिवाला बनूँगा
उधेड़ोगे तो दूशाला बनूँगा
जलाओगे तो उजाला बनूँगा
दफ़नाओगे तो निवाला बनूँगा
लालू लाल है बिहार का
जन्म-जन्मांतर तक
इस मिट्टी का रखवाला बनूँगा।
लालू इन दिनों रांची की एक जेल में बंद हैं। जेल जाने के पूर्व उन्होंने अपने समर्थकों और बिहार के लोगों से ट्विटर से संदेश भेजते रहने की बात कही थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि उनका ट्विटर उनके कार्यालय या परिवार के लोग संचालित करेंगे, जिससे उनका संदेश लोगों तक पहुंचता रहेगा।
लालू इससे पहले भी जेल में बंद रहने के बावजूद ट्विटर के जरिए विरोधियों पर निशाना साधते रहे हैं।